एनआइए कार्रवाई के बाद इंटेलीजेंस व पुलिस विभाग ने बढ़ाई सक्रियता
इंदौर. एनआइए (नेशनल इनवेस्टीगेशन एजेंसी) द्वारा पीएफआइ के प्रदेश अध्यक्ष सहित तीन लोगों को गिरफ्तार करने के बाद स्थानी पुलिस भी सक्रिय हो गई है। इंटेलीजेंस के पास पीएफआइ से जुड़े 85 लाखों की सूची बनी है, सभी की निगरानी बढ़ा दी हैै। हालांकि कार्रवाई के बाद कई भूमिगत होकर फरार हो गए है।
एनआइए ने अधिकारिक रूप से कार्रवाई को लेकर जो सूचना जारी कि उसमें टेरर फंडिंग व प्रशिक्षण देने की आशंका जाहिर की है। जुलाई 2022 को तेलंगाना पुलिस ने पीएफआइ से जुड़े 25 लोगों को पकड़ा था। उनसे हुई पूछताछ में पता चला कि लोगों को हिंसक घटनाओं के लिए ट्रेनिंग देने का काम किया जा रहा है। इस आधार पर एनआइए ने देशभर मेें 15 राज्यों में कार्रवाई की जिसमें नकदी, आपत्तिजनक सामग्री के साथ ही हथियार भी जब्त हुए। एनआइए व एटीएस मामले में छानबीन कर रही है।
एनआइए की कार्रवाई के बाद इंटेलीजेंस व विशेष शाखा विभाग सक्रिय हो गया है। पुलिस के पास पीएफआइ के 85 जाहिर सदस्यों की सूची है। सभी के डोजियर भी भरवाए गए है जिसमें उनके काम, मोबाइल नंबर, परिजन, दोस्तों की पूरी जानकारी है। इसमें से अधिकांश का ठिकाना सदरबाजार, मल्हारगंज, छत्रीपुरा व आजादनगर थाना क्षेत्र है। संबंधित थानों ने निगरानी बढ़ा दी है। पुलिस सक्रिय हुई तो पता चला कि एनआइए के आने के बाद कई लोग घर पर ताला लगाकार कहीं चले गए है। पुलिस सभी की जानकारी निकलाने में लगी है।
इंदौर में नए सदस्यों को जोडऩे व ट्रेनिंग देने का काम
इंदौर और उज्जैन से गिरफ्तार किए गए सदस्यों का लोगों को ट्रेनिंग देने तथा नए लोगों को जोडऩे के काम से जोड़ा जा रहा है। यहां पीएफआइ के ऑफिस में कम्युनिटी डेवलपमेंट सेंटर का ही संचालन किया जा रहा था। आसपास के लोग यहां लगातर नए नए लोगों के आने की बात भी कह रहे थे। आशंका है कि यहां के पदाधिकारी युवाओं को संगठन से जोड़कर उन्हें ट्रेनिंग देने का काम कर रहे थे। एक साल पहले कोतवाली थाने पर हुए घेराव के दौरान भी पता चला था कि कुछ लोग वित्त पोषक का काम कर रहे है और काफी पैसा भी चंदे के नाम पर इकट्ठा किया गया।