
falguni pathak
इंदौर.नवरात्रि त्योहार बस कुछ ही दिन में शरू होने वाला है। नवरात्रि के पहले दिन ही श्रद्धालु कलश की स्थापना करते हैं। इसे घट-स्थापना कहा जाता है। जो भक्तजन नवरात्रि व्रत का संकल्प लेते हैं, एक पवित्र स्थान को चुनकर वहां पर मिट्टी की वेदी बनाकर "जौ सहित सात प्रकार के अनाज" बोते हैं। फिर वहां पर एक कलश या घट की स्थापना करते हैं। देवी दुर्गा और उनके नौ रुपों को याद कर "दुर्गा सप्तशती" पाठ करने से देवी अभीष्ट फल देती हैं। इनके साथ ही गरबा का आनंद भी लोग खूब उठाते हैं। पूरी नवरात्रि शहर में गरबे की धूम मचती है। प्रदेश में सब जगह हजारों की तादाद में लोग गरबा की तैयारियों में लगे जाते हैं। नवरात्रि शरू होते ही सभी मैदान में उतर गरबे का प्रदर्शन करते हैं। वैसे तो गरबा गुजराती परंपरा है पर अब यह हर जगह धूमधाम से मनाया जाने लगा है। वहीं लोग सबसे ज्यादा फाल्गुनी पाठक के गाए हुए गरबे सॉन्ग की डिमांड ज्यादा करते नजर आते हैं। हम आपको बताते हैं फाल्गुनी पाठक के खास सॉन्ग की लिस्ट। आप भी फुल एंजॉय करें फाल्गुनी के गानों के साथ झूमें।
टॉप गरबा गानें
१ - मेरी चुनर उड़-उड़ जाए,
हाए दिल मेरा घबराए,
मेरी चुनर उड़-उड़ जाए..
२ - ओ पिया ओ पिया, ले के डोली आ,
चलूं में तेरी गली, ओ पिया ओ पिया...
३ - तूने जो पायल जो छनकाई फिर क्यों आए न हरजाई,
मैंने.. मैंने पायल है छनकाई अब तो आजा तू हरजाई...
४ - चूड़ी जो खनकी हाथों में,
याद पिया की आने लगी, हाए भीगी भीगी रातों में...
५ - इन्द्र मेरुव गाई थी मोरे सईंयां,
पूछ रही थी गलियां- गलियां,
कहां तेरा जिया कहां तेरा पिया रे...
६ - पंखिड़ा रे उड़ी ने जाजो पावागढ़ रे,
महाकाली ने जय ने किजो गरबा रमे रे..
७ - पल पल तेरी याद सताए ओ पिया,
तुझ बिन जीने की सोचूं तो हाए धडक़े मेरा जिया...
८- सांवरा सलोना मन भा गया,
ख्वाबों में मुझे आकर जगा गया...
Published on:
16 Sept 2017 05:07 pm
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