
एयरपोर्ट TO पीथमपुर: 1300 हेक्टेयर में विकास की नई उड़ान भरेगा इंदौर
इंदौर. एयरपोर्ट से पीथमपुर के बीच इंदौर विकास की नई उड़ान भरने जा रहा है। 1300 हेक्टेयर में इकोनाॅमिक कॉरिडोर बनाने की तैयारियां जोरों पर हैं। 16.5 किमी सड़क के आसपास सेक्टर तैयार होंगे। एक सेक्टर-एक लैंड यूज फार्मूले के तहत इंडस्ट्रीयल, कमर्शियल और रेसीडेंशियल प्लॉट होंगे। इनमें 15 से 20 मंजिल की हाईराइज बिल्डिंग भी होगी। इनके नक्शे पर काम चल रहा है। कॉरिडोर आने से जमीन मालिक व किसानों की बल्ले-बल्ले होगी।
इंदौर-पीथमपुर इकोनॉमिक कॉरिडोर का निर्माण एमपीआइडीसी करने वाला है। बिजासन माता मंदिर से राऊ पीथमपुर रोड व इंदौर-अहमदाबाद रोड को पार करते हुए एबी रोड को जोड़ने वाली 75 मीटर चौड़ी और 16.5 किमी लंबी कॉरिडोर की सड़क बनेगी। सड़क किनारे 500-500 मीटर जमीन ली जा रही है, जिसमें अलग-अलग सेक्टर तैयार किए जाएंगे। योजना के हिसाब से एक सेक्टर का एक ही उपयोग होगा। किसी को अन्य में मिक्स नहीं किया जाएगा। साथ ही यहां फिनटेक सिटी, दलाल स्ट्रीट, आइटी हब, इंडस्ट्रीयल व कमर्शियल प्लॉट होंगे। रेसीडेंशियल प्लॉट भी रहेंगे, जिसमें 20 मंजिला तक हाईराइज बिल्डिंग रहेगी। 20 से 25 हजार करोड़ का निवेश आने से 25 हजार से अधिक युवाओं को रोजगार मिलने का अनुमान है।
तैयार हो रहा नक्शा
कॉरिडोर की योजना बनाने का काम मेहता एंड कंपनी को दिया गया है। एमपीआइडीसी की मंशा अनुसार, सभी कलस्टरों को अलग-अलग तैयार किया जा रहा है। खाका तैयार हो गया है, जिस पर भोपाल से मंजूरी मिलने का इंतजार है। प्लान यह है कि कॉरिडोर पर नया और भव्य इंदौर तैयार हो। जमीन मिलने के तीन साल में कॉरिडोर बन जाएगा। इस पर करीब 20 हजार करोड़ की लागत आएगी।
ये है दिक्कत
1300 हेक्टेयर जमीन पर कॉरिडोर तैयार किया जा रहा है। इसमें साढ़े तीन हजार से अधिक किसानों व अन्य लोगों की जमीनें हैं। कॉरिडोर को लेकर 27 मई 2022 को नोटिफिकेशन जारी कर दावे-आपत्ति बुलाए थे। 807 लोगों ने आपत्ति पेश कर कहा है कि इससे हम बेरोजगार हो जाएंगे। सड़क की आवश्यकता नहीं है। जरूरी हो तो निश्चित जगह ही बनाई जाए, क्योंकि इसमें हमारे मकान जा रहे हैं। मकान नहीं रहेगा तो हम कहां जाएंगे। आपत्तियों की सुनवाई कर निराकरण किया जा रहा है।
जमीन लेने का फार्मूला
जमीन अधिग्रहण के मुताबिक, जमीन की दोगुना कीमत देनी है। उसका दस प्रतिशत नकद और 90 प्रतिशत हिस्से का प्लॉट दिया जाएगा। ऐसे में किसानों को भारी फायदा है, क्योंकि कॉरिडोर बनते ही जमीनों की कीमत आसमान छुएगी।
ये हैं 16 गांव, जहां बनेगा कॉरिडोर
कॉरिडोर के 16 गांव में नैनोद, कोडि़याबर्दी, नावदा पंथ, रिजलाय, सोनवाल, भेसलाय, टीही, सिंदोड़ा, सिंदूड़ी, धन्नड़, रंगवासा, डेहरी, बिसनावदा, नरलाय और अन्य शामिल हैं। इधर, टीएंडसीपी ने भी इस प्रोजेक्ट को मास्टर प्लान में जगह देते हुए प्रस्तावित कॉरिडोर के दोनों ओर नक्शों को मंजूरी देने पर रोक लगा दी है।
पीथमपुर का खुलेगा रास्ता
औद्योगिक क्षेत्र पीथमपुर में कई बड़ी कंपनियां हैं, जहां संचालकों व अधिकारियों का आना-जाना लगा रहता है। कॉरिडोर तैयार होने से उन्हें सहूलियत हो जाएगी। पीथमपुर से 15-20 मिनट में वे एयरपोर्ट पहुंच सकते हैं। होटलें भी आने से उन्हें ठहरने के लिए शहर के बीच नहीं जाना पड़ेगा।
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प्रस्तावित इंडस्ट्रीयल कॉरिडोर पूरे रीजन के विकास की क्षमता रखता है। इस कॉरिडोर के निर्माण से न केवल बड़ा निवेश आएगा, बल्कि प्रदेश के प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र पीथमपुर से इंदौर का इंट्रीग्रेशन हो जाएगा। पूरे इकोनाॅमिक इको सिस्टम में यह वैल्यू एडिशन का काम करेगा। योजना को जल्द से जल्द अमल में लाने का प्रयास है।
राजेश राठौर, कार्यकारी संचालक, एमपीआइडीसी
Published on:
21 Dec 2023 05:57 pm
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