31 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Health : लगातार खांसी-छींक, बहती नाक, सांस लेने में भी तकलीफ तो आपको इस बीमारी के हैं संकेत

धूल, धूम्रपान, वायु प्रदूषण, कीटाणु या जीवाणु से संपर्क, खाद्य पदार्थ से हो सकती है छाती की एलर्जी

2 min read
Google source verification

इंदौर

image

Hussain Ali

Jul 10, 2023

Health : लगातार खांसी-छींक, बहती नाक, सांस लेने में भी तकलीफ तो आपको इस बीमारी के हैं संकेत

Health : लगातार खांसी-छींक, बहती नाक, सांस लेने में भी तकलीफ तो आपको इस बीमारी के हैं संकेत

इंदौर. कई बार सांस के माध्यम से कुछ ऐसी चीजें शरीर में चली जाती हैं, जिनसे एलर्जी होती है। खांसी, सांस लेने में तकलीफ, सीने में जलन आदि चेस्ट एलर्जी के प्रमुख लक्षण हैं। समय रहते एलर्जी का उपचार नहीं लेने पर हल्के राइनाइटिस (हे फीवर), एनाफिलेक्सिस (गंभीर प्रकार की एलर्जी) या अस्थमा जैसी समस्या हो सकती है। एलर्जी का कारण तलाश कर इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।

विशेषज्ञों के अनुसार, छाती की एलर्जी धूल, धूम्रपान, वायु प्रदूषण, कीटाणु या जीवाणु से संपर्क, खाद्य पदार्थ से हो सकती है। रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने से दुष्प्रभाव अधिक होता है। छाती की एलर्जी से श्वास नली में सूजन और खिंचाव होता है। इससे सांस लेने में तकलीफ और जलन होती है। खांसी, छींक, सांस लेने में तकलीफ, नाक बहना प्रमुख लक्षण हैं। डॉ. शैलेश अग्रवाल ने बताया कि छाती की एलर्जी कॉमन समस्या है। इससे निपटने के लिए सबसे महत्वपूर्ण यह है कि इसके कारणों का पता लगाएं। एलर्जी के लक्षण इस बात पर निर्भर करते हैं कि व्यक्ति को किस चीज़ से एलर्जी है और साथ ही वह कैसे उसके संपर्क में आया है।

छाती की एलर्जी से ऐसे निपटें

धूप में समय बिताएं : सूर्य की किरणें छाती की एलर्जी कम करने में मददगार है। नियमित रूप से कुछ समय धूप में बिताएं।

प्रदूषण से बचें : स्वच्छ परिवेश में रहें। नियमित स्नान करें, ताकि शरीर पर मौजूद एलर्जी एलिमेंट्स की संख्या कम रहे।
एलर्जी एलिमेंट्स को पहचानें : किसी व्यक्ति को वस्तु विशेष से एलर्जी हो सकती है। इसमें धूल के कण, फंगस, खाद्य
पदार्थ आदि हो सकते हैं। इनकी पहचान करें।

ये रखें सावधानियां

ये रखें सावधानियां आसपास की जगह साफ रखें। खिड़कियां खुली रखें, ताकि धूप आ सके। घर में सीलन न हो। नीम के पत्तों और लौंग जैसे कीटाणुनाशकों का उपयोग करें। इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए संतुलित आहार लें।