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आशा डायरी घोटाला:सांठगांठ ऐसी कि गुलजार की पसंद से होती सीएमएचओ की पो​स्टिंग

देर रात तक सीएमएचओ कार्यालय में दस्तावेज खंगालती रही प्रशासन की टीम

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CMHO

आशा डायरी घोटाला:सांठगांठ ऐसी कि गुलजार की पसंद से होती सीएमएचओ की पो​स्टिंग

इंंदौर।

बगैर ऑर्डर के आशा डायरियों की सप्लाय घोटाला सामने आने के बाद प्रशासन की टीम ने पिछले दो साल में सीएमएचओ कार्यालय में हुई खरीदीबिक्री के दस्तावेजों को खंगालना शुरू कर दिया है। कल दोपहर में पहुंची प्रशासन की टीम देर रात तक दस्तावेज जुटाती रही। बगैर वर्क ऑर्डर के सप्लायर गुलजार सीएमएचओ कार्यालय में प्रिंटिंग सामग्री से लेकर उपकरण तक सप्लाय करता था। भोपाल तक सांठगांठ का यह आलम यह था कि अपनी पंसद का सीएमएचओ बैठाता और फिर मनमार्जी के बिल तक पास करा लेता। इंदौर ही नहीं तीन संभाग में उसकी पसंद के अफसर ही सीएमएचओ की कुर्सी पर कबिज रहते। अब प्रशासन ने सप्लायर पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।

कलेक्टर मनीष सिंह के निर्देश पर अपर कलेक्टर अभय बेडेकर जांच कर रहे हैं। कल जांच दल ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कार्यालय व जिला कार्यक्रम प्रबंधक कार्यालय पहुंचकर स्टेशनरी प्रिंटिंग व आपूर्ति के आदेश से संबंधित दस्तावेज समेत कई दस्तावेज जब्त किए। टीम सात घंटे से अधिक समय तक कार्यालय में रही और मुख्य रूप से राज्य सहकारी उपभोक्ता संघ से की गई खरीद से संबंधित दस्तावेजों की जांच की। जांच दल के हाथ कई महत्वपूर्ण दस्तावेज हाथ लगे हैं। सूत्रों की मानें तो गुलजार ने अपनी रिश्तेदार और परिचितों के नाम से भी कई फर्म बना रखी हैं। बार-बार वर्क ऑर्डर देना, बिलों का भुगतान होना जैसे कई दस्तावेज जांच दल के हाथ लगे हैं और कई विसंगति मिली है। स्वास्थ्य अधिकारियों के बीच सांठगांठ की जानकारी भी सामने आ रही है।

ब्लैक लिस्ट फर्म तो भी दिया ठेका

इधर, एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने कहा कि राज्य सहकारी उपभोक्ता संघ ने एक निजी फर्म को 2010 में ब्लैक लिस्टेड कर दिया था। उस फर्म को भी ठेका देने की जानकारी सामने आ रही है। इस बिंदु पर भी जांच की जा रही है। वहीं एएफ ग्राफिक्स सहित उसकी सूचीबद्ध फर्मों के माध्यम से खरीदी-बिक्री की जानकारी भी सामने आ रही है। यह फर्म माफिया गुलजार से संबंधित है। जिले भर में आशा डायरियों की सप्लाई में गुलजार का नाम सामने आया है।

पलासिया ऑफिस पर शाम को अफसरों की बैठक

इस कार्रवाई से पहले तक हर शाम को स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक गुलजार के पलासिया ऑफिस पर होती थी। यहां शाम ढ़लते बैठकों का दौर चलता रहा है। यहीं पर बैठकर सारी रणनीति तय होती थी। इंदौर में वर्तमान सीएमएचओ की आगामी दिनों में विदाई भी तय हो चुकी थी और उनके स्थान पर कौन इस कुर्सी पर बैठेगा यह तक तय हो चुका था, लेकिन कलेक्टर मनीष सिंह की कार्रवाई के बाद अधिकारी से लेकर गुलजार तक के सारे गणित बिगड़ गए हैं।

गुलजार की मर्जी से ही पोस्टींग

सूत्रों का कहना है कि गुलजार की जमावट इंदौर से लेकर भोपाल तक ऐसी रहती थी कि उसकी मर्जी के बगैर किसी अधिकारी की पोस्टींग तक नहीं हो पाती। वही तय करता है इंदौर, उज्जैन, भोपाल संभाग के जिलों में सीएमएचओ कौन अफसर बनेगा। सूत्रों का यहां तक कहना है कि इंदौर में अधिकांश सीएमएचओ उसकी पसंद के ही रहे हैं। विभाग में एक वरिष्ठ अधिकारी गुलजार का बैक बोन है। पूरा महकमा उस अफसर और गुलजार के संबंध को जानता है। हालांकि अभी उक्त अधिकारी ने चुप्पी साध ली है और खुद का दामन बचाए जाने की जुगाड़ में है। उक्त अधिकारी पहले से ही कलेक्टर की नजर में है।