18 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

यहां विराजते हैं बड़ा गणपति, विशालकाय प्रतिमा के श्रृंगार में लगते हैं 8 दिन

मंदिर की आधारशिला एक स्वप्न के बाद रखी गई थी। स्व. पं. नारायण दाधीच को भगवान गणेश ने स्वप्न में ऐसी ही मूर्ति के रूप में दर्शन दिए थे।

2 min read
Google source verification

image

Online Indore

Sep 25, 2015

bada ganpati indore

bada ganpati indore

इंदौर।
गणपति उत्सव से यूं तो पूरा देश ही सराबोर है, इसी रंग में इंदौर भी रंगा हुआ है। जगह-जगह गणपति मूर्तियां पांडालों में स्थापित हैं। भक्तों की भी जमकर भीड़ लग रही है। पूरा शहर मानों भगवान गणेश के जन्म के उत्सव में तल्लीन हो। आज हम इसी अवसर पर आपको इंदौर के अतिप्रचीन मंदिर बड़ा गणपति के बारे में बताने जा रहे हैं। इस मंदिर का इतिहास एक स्वप्न से जुड़ा है।


जी हां मंदिर की आधारशिला एक स्वप्न के बाद रखी गई थी। स्व. पं. नारायण दाधीच को भगवान गणेश ने स्वप्न में ऐसी ही मूर्ति के रूप में दर्शन दिए थे। इसके बाद उन्होंने अपने स्वप्न को साकार रूप देने की ठानी। ये गणेश जी के अनन्य भक्त थे। इन्होंने स्वप्न में दिखी मूर्ति के अनुसार ही गणेश जी की प्रतिमा का निर्माण करवाया।


25 फीट ऊंची है प्रतिमा


मंदिर का निर्माण कार्य सन 1901 में पं. नारायण दाधीच द्वारा पूरा किया गया था। भगवान गणेश यहां पर 25 फीट ऊंची प्रतिमा के रूप में दर्शन देते हैं। इस प्रतिमा के निर्माण में चूना, गुढ, रेत, मैथीदाना, मिट्टी, सोना, चांदी, लोहा, अष्टधातु, नवरत्न का उपयोग किया गया है। साथ ही इस प्रतिमा के निर्माण में सभी तीर्थ नदियों के जल का उपयोग किया गया है। मूर्ति 4 फीट ऊंचे चबूतरे पर विराजमान है। मूर्ति के निर्माण में करीब 3 साल लगे थे।



(भगवान गणेश जी की 25 फीट ऊंची प्रतिमा जोकि 4 फीट ऊंचे चबूतरे पर बैठी हैं।)


8 दिन लगते हैं चोला श्रृंगार करने में


मंदिर के पुजारी पंडित प्रमोद दाधीच ने बताया कि गणेश जी का श्रृंगार में करीब 8 दिन का समय लगता है। साल में चार बार यह चोला चढ़ाया जाता है। जिसमें भाद्रपद सुदी चतुर्थी, कार्तिक बदी चतुर्थी, माघ बदी चतुर्थी और बैसाख बदी चतुर्थी पर चोला और सुंदर वस्त्रों से श्रृंगार किया जाता है। इसमें करीब सवा मन घी और सिंदूर का उपयोग किया जाता है। वर्तमान में मंदिर के रख रखाव की जिम्मेदारी नारायण दाधीच की तीसरी पीढ़ी के पं धनेश्वर दाधीच देख रहे हैं।


लगी रहती हैं भक्तों की भीड़


पूरे शहर के लोग इस अलौकिक प्रतिमा के दर्शन करने यूं तो सालभर ही जाते हैं। लेकिन गणेश उत्सव के समय यह संख्या हजारों में पहुंच जाती हैं। भक्तों के कल्याण के लिए मंदिर में बालाजी का मंदि भी बना है। सभी इनके दर्शन करके भी अपनी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।


यहां देखिए मंदिर का वीडियो
-



ये भी पढ़ें

image