मंदिर का निर्माण कार्य सन 1901 में पं. नारायण दाधीच द्वारा पूरा किया गया था। भगवान गणेश यहां पर 25 फीट ऊंची प्रतिमा के रूप में दर्शन देते हैं। इस प्रतिमा के निर्माण में चूना, गुढ, रेत, मैथीदाना, मिट्टी, सोना, चांदी, लोहा, अष्टधातु, नवरत्न का उपयोग किया गया है। साथ ही इस प्रतिमा के निर्माण में सभी तीर्थ नदियों के जल का उपयोग किया गया है। मूर्ति 4 फीट ऊंचे चबूतरे पर विराजमान है। मूर्ति के निर्माण में करीब 3 साल लगे थे।