निगम जलकार्य विभाग ने बिलावली तालाब में गंदा पानी आने से पूरा पानी दूषित होने की बात कही थी। यही नहीं तालाब में मौजूद मछलियों को लेकर विभाग से एक चिट्ठी भी मत्स्यपालन विभाग को लिखी गई थी, जिसमें तालाब का पानी दूषित होने के कारण इसे खाली करने के साथ ही कहा गया था, विभाग इसमें मौजूद मछलियों को निकाल ले। जलकार्य विभाग ने तालाब में मौजूद 10 फीट पानी खाली करना भी शुरू कर दिया था। इस मुद्दे को पत्रिका द्वारा उठाने के बाद निगमायुक्त आशीषसिंह ने भी गंभीरता से लिया। उन्होंने इस बारे में जानकारी ली तो पता चला, बगैर सक्षम स्वीकृति के ही तालाब से पानी छोडऩा शुरू कर दिया गया है। उन्होंने तुरंत ही इस पर रोक लगाने के आदेश दिए।
कर्मचारियों को फटकार
निगमायुक्त ने बिलावली तालाब पर मौजूद कर्मचारियों को भी फटकार लगाई। साफ कहा, बड़े अफसरों की जानकारी के बिना तालाब का पानी खाली करने की कोशिश न की जाए। यदि तालाब का पानी कम हुआ तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।
निगमायुक्त ने बिलावली तालाब पर मौजूद कर्मचारियों को भी फटकार लगाई। साफ कहा, बड़े अफसरों की जानकारी के बिना तालाब का पानी खाली करने की कोशिश न की जाए। यदि तालाब का पानी कम हुआ तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।
एसटीपी की तैयारी में
तालाब के पीछे की ओर मौजूद कॉलोनियों की गंदा पानी इसमें आता है। इसे कॉलोनियों में ही रोकने के बजाय निगम कॉलोनाइजर्स को लाभ पहुंचाने के लिए तालाब के पास एक छोटा सीवरेज ट्रीटमेंट (एसटीपी) प्लांट लगाने की तैयारी कर रहा है।
तालाब के पीछे की ओर मौजूद कॉलोनियों की गंदा पानी इसमें आता है। इसे कॉलोनियों में ही रोकने के बजाय निगम कॉलोनाइजर्स को लाभ पहुंचाने के लिए तालाब के पास एक छोटा सीवरेज ट्रीटमेंट (एसटीपी) प्लांट लगाने की तैयारी कर रहा है।
निगम ने हाईकोर्ट में पेश की रिपोर्ट
शहर में 500 से अधिक अवैध कॉलोनियों के नियमितीकरण व ग्रीन बेल्ट की जमीन से निर्माण हटाने को लेकर दायर जनहित याचिका पर गुरुवार को हाईकोर्ट में निगम ने करीब 100 पेज की रिपोर्ट पेश की। इसमें बताया है, कॉलोनियों के नियमितीकरण की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। इससे जुड़े विभागों से पत्राचार शुरू किया है। दावे-आपत्तियों के लिए विज्ञापन जारी कर दिए गए हैं।
शहर में 500 से अधिक अवैध कॉलोनियों के नियमितीकरण व ग्रीन बेल्ट की जमीन से निर्माण हटाने को लेकर दायर जनहित याचिका पर गुरुवार को हाईकोर्ट में निगम ने करीब 100 पेज की रिपोर्ट पेश की। इसमें बताया है, कॉलोनियों के नियमितीकरण की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। इससे जुड़े विभागों से पत्राचार शुरू किया है। दावे-आपत्तियों के लिए विज्ञापन जारी कर दिए गए हैं।