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दोस्त को किया मैसेज- मैं अच्छा दोस्त नहीं बन पाया, घरवालों के पैसे भी खराब कर दिए, पढ़ाई भी नहीं की

बीई अंतिम वर्ष के छात्र का शव रामघाट पर शिप्रा नदी में मिला

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इंदौर

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Reena Sharma

Aug 07, 2019

indore

दोस्त को किया मैसेज- मैं अच्छा दोस्त नहीं बन पाया, घरवालों के पैसे भी खराब कर दिए, पढ़ाई भी नहीं की

इंदौर. देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के आईईटी में बीई कम्प्यूटर साइंस अंतिम वर्ष के लापता छात्र का शव मंगलवार शाम उज्जैन की शिप्रा नदी में रामघाट पर मिला। लापता होने के बाद सोमवार दोपहर उसने एक दोस्त को मैसेज कर लिखा, घरवालों के पैसे खराब कर दिए, किसी के काम नहीं आया, अब रामघाट उज्जैन पर मिलूंगा। नौकरी व परिवार की देखरेख के दबाव के डिप्रेशन में आत्महत्या की आशंका जाहिर की जा रही है।

सोमवार रात आईईटी कॉलेज की ओर से भंवरकुआं थाने में छात्र अमित (21) पिता राजेश शाक्य मूल निवासी दतिया की गुमशुदगी दर्ज कराई थी। टीआई संजय शुक्ला के मुताबिक, अमित आईईटी में बीई अंतिम वर्ष का छात्र था। वह होस्टल में रहता था। सोमवार सुबह होस्टल से गया था। रात में नहीं लौटा व मोबाइल बंद था। छानबीन में पता चला, उसके मोबाइल से दोपहर 2.48 बजे साथी छात्र को एसएमएस आया था। उसमें लिखा था, मैं अच्छा दोस्त नहीं बन पाया। मैंने घरवालों के पैसे भी खराब कर दिए, पढ़ाई भी नहीं कर पाया।

मेरा टैलेंट धरा रह गया, मैं किसी के काम नहीं आया। मेरा सामान घर पहुंचा देना, अब मैं रामघाट उज्जैन पर मिलूंगा। दोस्त ने शाम को मैसेज देखा तो अमित की तलाश शुरू हुई। उसका मोबाइल बंद था। होस्टल प्रबंधन व उसके परिवार को सूचना दी गई। अमित के पिता मोटर बाइंडिंग का काम करते हैं। परिवार में तीन छोटी बहनें हैं। सूचना पर पिता इंदौर आए और पुलिस से मदद मांगी। मोबाइल लोकेशन उज्जैन मिलने पर वहां तलाश शुरू की। साथी छात्र भी उज्जैन पहुंच गए। राजेश के मुताबिक, शाम करीब 4 बजे रामघाट पहुंचे तो लोगों ने नदी से शव निकाला। उसकी पहचान अमित के रूप में हुई। महाकाल पुलिस ने शव जब्त किया। अमित के कपड़े, मोबाइल आदि सामान नहीं मिला।

पढ़ाई और नौकरी का था दबाव, डिप्रेशन में होने से परिवार बुला रहा था वापस

अमित अंतिम वर्ष का छात्र था। एग्रीगेशन में कुछ अंक कम होने से प्लेसमेंट में समस्या आ रही थी। छोटी बहनों व परिवार की देखभाल को लेकर तनाव में रहता था। साथियों ने बताया, वह अंग्रेजी में कमजोर होने से ज्यादा परेशान था। परिवार को उसके बारे में पता चला तो वापस आने को कहा। अमित पीएससी की भी कोचिंग कर रहा था। डिप्रेशन के कारण 3-4 दिन से होस्टल से कभी भी निकल जाता और गुमसुम रहता। पिता रात 9 बजे तक महाकाल थाने में बैठे हुए थे। दोस्तों का आरोप है, पुलिस जांच व दस्तावेजी कार्रवाई में मदद नहीं कर रही थी।