
जागा बूथ का भूत
इंदौर. स्थानीय निर्वाचन के चुनाव खत्म हुए ज्यादा समय नहीं हुआ। नेता और कार्यकर्ताओं ने चैन की सांस ली ही थी कि भाजपा में बूथ का भूत फिर जाग गया है। हर विधानसभा को 100-100 कमजोर बूथ चिह्नित करने के निर्देश जारी हो गए हैं। अब उस पर फोकस किया जाएगा।
वैसे तो विधानसभा चुनाव को अभी सवा साल है लेकिन समय निकलते देर नहीं लगती। इसके चलते भाजपा ने अपनी संगठनात्मक गतिविधियां तेज कर दी है। शहरी क्षेत्र में नगर निगम और ग्रामीण में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के परिणामों को देखते हुए पार्टी की आंखें खुल गई हैं। कई जगहों पर बहुत बुरी तरह से शिकस्त मिली है, जिसमें पूर्व में पार्टी हमेशा परचम लहराती रही है। आत्म ङ्क्षचतन करने के बाद संगठन ने 2023 की रणनीति पर काम करने का फैसला किया। इसके चलते सभी विधानसभाओं पर फोकस करना शुरू कर दिया है। सभी विधानसभाओं को साफ कर दिया है कि 100-100 बूथों को चिह्नित किया जाए। जहां पर भाजपा को हार का सामना करना पड़ा या पार्टी का प्रदर्शन खराब रहा या पहले जीतते थे और इस बार जमीन खिसक गई, ऐसे सौ बूथ निकाले जाना हैं। इनमें अल्पसंख्यक बूथ शामिल नहीं होंगे। उन्हें अलग रखकर चयन करना है। प्रदेश से मिले निर्देशों के बाद नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे ने सभी विधानसभाओं को काम पर लगा दिया है। सभी से उन बूथों की सूची मांग ली है ताकि प्रदेश को सूचना देने के साथ मजबूती के लिए काम भी शुरू हो सके।
विधायक ले रहे बैठक
कमजोर बूथों पर शुरू हुए फोकस की कहानी सबसे ज्यादा विधायकों के गले उतर रही है। उन्हें मालूम है कि विधानसभा को मजबूत करने के लिए ये करना बहुत जरूरी है। इसके चलते विधायक व विधानसभा के प्रत्याशी रहे नेताओं ने बैठक लेना शुरू भी कर दिया है। अब उसको देखते हुए कार्यकर्ताओं को काम पर भी लगाना शुरू कर दिया गया। कुछ विधानसभाओं में तो बैठकों के दौर भी शुरू हो गए।
Published on:
23 Aug 2022 11:13 am
बड़ी खबरें
View Allइंदौर
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
