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मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के खिलाफ लोकायुक्त में केस दर्ज, जानिए क्या है मामला

Minister Kailash Vijayvargiya : मप्र सरकार के नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय पर लोकायुक्त ने प्रकरण दर्ज कर लिया है।

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Minister Kailash Vijayvargiya

Minister Kailash Vijayvargiya

Kailash Vijayvargiya : मप्र सरकार के नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय पर लोकायुक्त ने प्रकरण दर्ज कर लिया है। मंत्री विजयवर्गीय के साथ इंदौर नगर निगम के महापौर पुष्यमित्र भार्गव, संभागायुक्त, कलेक्टर, निगमायुक्त के साथ कई अफसर भी इस केस में शामिल हैं। भाजपा के पूर्व पार्षद परमानंद सिसौदिया की शिकायत पर यह प्रकरण दर्ज हुआ है।

सिसौदिया ने इंदौर में 67 अवैध निर्माणों को लेकर लोकायुक्त में शिकायत की थी। इसमें आरोप लगाया था कि मंत्री, विभागीय अधिकारियों और नेताओं ने सिंडिकेट बना लिया है, जो शहर में धड़ल्ले से अवैध निर्माण करवा रहा है। अवैध निर्माणों के खिलाफ लगातार शिकायतों के बाद भी इन लोगों के दबाव में कार्रवाई नहीं हो रही है। सिसौदिया ने अवैध निर्माणों को लेकर पूर्व में जो शिकायतें मंत्री, प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन, महापौर, संभागायुक्त, कलेक्टर, निगमायुक्त आदि को भेजी थीं, उनकी प्रतिलिपि भी शिकायत के साथ लगाई थी। लोकायुक्त संगठन ने इस शिकायत के आधार पर विजयवर्गीय सहित अन्य पर केस दर्ज किया है।

अवैध निर्माण को संरक्षण देकर लाभ लेने का आरोप

शिकायत में आरोप लगाया है कि अवैध निर्माण को संरक्षण देने वाले नेताओं और अफसरों के इस सिंडिकेट ने शहर के महंगे और सघन क्षेत्रों में लाखों वर्गफीट का अवैध निर्माण करवाकर जनता को ऊंचे दामों में बेचकर करोड़ों रुपए का काला धन कमाया है। ये कालाधन सिंडिकेट के लोगों ने बांट लिया।

कब-कब की शिकायतें

सिसौदिया ने मंत्री सहित अन्य लोगों को चार बार अवैध निर्माण की शिकायतें की थी। इसमें उन्होंने बिल्डिंग का नक्शा स्वीकृत कराने वालों के नाम, नक्शों के नंबर, नक्शे में मिली अनुमति आदि की जानकारी दी थी।

शिकायत की तारीख और बिल्डिंगों की संख्या
24 जून 2024 - 36
18 मार्च 2024 - 12
11 जनवरी 2024 - 6
3 नवंबर 2023 - 13

शिकायतों पर मौन रहे अफसर

सिसौदिया ने लोकायुक्त को बताया है कि इन अवैध निर्माणों के आकार लेने के समय से ही वे शिकायतें करते हुए इन्हें रोकने के लिए महापौर, निगमायुक्त और अफसरों से मिन्नतें करते रहे, लेकिन नगर निगम ने कार्रवाई नहीं की। इसके बाद संभागायुक्त और कलेक्टर आदि से भी इन अवैध निर्माणों को रोकने की गुहार लगाई। उस पर भी कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, नगरीय प्रशासन के प्रमुख सचिव सहित अन्य को ​शिकायतें कीं। कार्रवाई नहीं होने पर उन्होंने विभागीय मंत्री सहित अन्य अफसरों को कानूनी नोटिस भी भेजा, लेकिन कोई एक्शन होना तो दूर, पत्राचार तक नहीं हुआ। आखिर में उन्होंने लोकायुक्त को इसकी शिकायत की।

सुप्रीम कोर्ट दे चुका आदेश

इंदौर में अवैध निर्माण को लेकर सिसौदिया ने पूर्व में सुप्रीम कोर्ट में केस लगाया था। इस पर सुप्रीम कोर्ट में नगर निगम ने अंडर टेकिंग दी थी कि किसी तरह का अवैध निर्माण नहीं होने दिया जाए। इसके आधार पर 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने नगर निगम को निर्देशित किया था कि अवैध निर्माण पर सख्ती से कार्रवाई की जाए। यदि अवैध निर्माण होता है तो उसके लिए निगमायुक्त को जिम्मेदार माना जाएगा।