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अस्पताल प्रबंधन पर जबरदस्ती भर्ती कर बिल बनाने का आरोप
इंडेक्स अस्पताल में भर्ती मरीज का ये वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में मरीज कह रहा है कि, ना तो उसे सर्दी है, न ही खांसी और ना ही उसे अब तक बुखार आया है, फिर भी उसे कोरोना पॉजिटिव बताकर अस्पताल में भर्ती कर लिया गया है। वीडियो में मरीज का कहना है कि, अस्पताल में भर्ती ज्यादातर मरीजों की स्थिति भी उसी की तरह हैं। उन्हें भी कोरोना के लक्षणों में से कोई लक्षण नहीं है। बावजूद इसके वो भी बीते कई दिनों से अस्पताल में भर्ती हैं। वीडियों में व्यक्ति का दावा है कि, उन सब के जरिये अस्पताल प्रबंधन सरकार से तगड़ी फीस वसूल कर रहा है। यही नहीं अस्पताल में भर्ती अन्य मरीजों ने भी वीडियो में खुद को स्वस्थ बताते हुए अस्पताल पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
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सीएमएचओ ने दी सफाई
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हुआ तो, मीडिया ने भी इंडेक्स अस्पताल प्रबंधन से सवाल पूछने शुरु किये, जिसपर सफाई देते हुए सीएमएचओ डॉक्टर प्रवीण जड़िया ने जवाब दिया कि, अस्पताल में किसी मरीज से पैसे नहीं लिये जाते। सरकार इनके इलाज का पैसा देती है। ऐसे में अस्पताल पर लूटपाट के आरोप लगाना बेमानी है। साथ ही, मरीजों द्वारा जबरन अस्पताल में भर्ती रखने का आरोप भी गलत है। मरीजों की भर्ती के लिए मापदंड तय हैं। अगर बिना लक्षण वाला मरीज है, तो इंडेक्स में भर्ती करते हैं। मामूली लक्षण हैं तो एमआरटीबी और एमटीएच अस्पताल में भर्ती करते है और ज्यादा हालत खराब है तो अरबिंदो में भर्ती करते हैं। इंडेक्स अस्तपाल में भर्ती मरीजों की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी, जिस आधार पर उन्हें भर्ती किया गया है। चूंकि ये मरीज बिना लक्षण वाले हैं, इसलिए वो सोच रहे हैं कि, जबरन भर्ती रखा गया है।
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सरकार चुकाती है मरीजों का बिल
सीएमएचओ डॉ. प्रवीण जड़िया के मुताबिक, कोरोना पॉजिटिव मरीजों का बिल उनसे नहीं वसूला जाता, उनके उपचार का खर्च राज्य सरकार वहन करती है। इसमें भी कैटेगरी बनाई गई है। अगरसामान्य मरीज है तो उसके इला पर सरकार प्रतिदिन 1800 रुपए भुगतान करती है, अगर उसे वेंटिलेटर की आवश्यक्ता होती है, तो उसके साथ 2600 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से भुगतान होता है और अगर मरीज को अगर आईसीयू में भर्ती करना होता है, तो इसपर 4500 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से सरकार द्वारा अस्पताल को भुगतान किया जाता है।