
कौंवे इस दिशा में बोले तो मिलेंगे बुरे समाचार
इंदौर. शास्त्रों के अनुसार कौंवा यमराज का दूत होता है। जो श्राद्ध में आकर अन्न की थाली देखकर यमलोक जाते है। थाली में परोसा गए भोजन और उसकी मात्रा की स्थिति देखकर हमारी आर्थिक स्थिति और सम्पन्नता को वह हमारे पितरों को बताते है। अपने वंशज की स्थिति जानकार पितृ खुश होते है और उनकी आत्मा को संतुष्टि मिलती है। शास्त्रों में कौंवों को देवदूत भी कहा गया है इसीलिए पितरों को खुश करने के लिए कौंवों को भोजन करवाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि अगर श्राद्ध का भोजना कौंवा चख ले तो पितृ तृप्त हो जाते है। वहीं प्राचीन ग्रंथो और महाकाव्यों में इस कौवे से जुड़ी कई रोचक कथाएं और मान्यताएं भी लिखी हुई है। पुराणों में भी कौवों का बहुत महत्व बताया गया है। पुराणों के अनुसार कौवों की मौत कभी बीमारी से या वृद्ध होकर नहीं होती है। कौवे की मौत हमेशा आकस्मिक ही होती है और जब एक कौंवा मरता है, तो उस दिन उस कौवे के साथी खाना नहीं खाते है। कौवे की खासियत है कि वह कभी भी अकेले भोजन नहीं करते है। वह हमेशा अपने साथी के संग मिल बांटकर ही भोजन करता है।
श्राद्ध के दौरान कौंवा देता है शुभ अशुभ संकेत
- मकान की छत पर अगर कौंवा बैठ जाए तो अकस्मात धन लाभ होता है।
- गन्दा माने जाने वाले पशु की पीठ पर कौवा बैठे तो समझिएगा अपार धन मिलने वाला है।
- अनाज के ढेर पर कौवा विराजित हो तो ये धन मिलने के संकेत है।
- कौंवें की चोच में फूल-पत्ती दिखाई दें तो सुख समृद्धि मिलती है।
- शनि को प्रसन्न करना हो तो कौवों को भोजन कराना चाहिए।
- घर की मुंडेर पर कौवा बोले तो मेहमान जरूर आते हैं।
- कौवा घर की उत्तर दिशा में बोले तो घर में लक्ष्मी आती है।
- पश्चिम दिशा में बोले तो मेहमान आते हैं।
- पूर्व में बोले तो शुभ समाचार आता है।
- दक्षिण दिशा में बोले तो बुरा समाचार आता है।
- कौवे को भोजन कराने से अनिष्ट व शत्रु का नाश होता है।
Published on:
24 Sept 2018 08:35 am
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