
इंदौर. विदेशी डोमेन पर बनी वेबसाइट्स पर इन दिनों धड़ल्ले से क्रिकेट का ऑनलाइन सट्टा चल रहा है। कम समय में अधिक पैसा कमाने के लालच में छात्र भी इससे जुड़ रहे हैं। ऐसी वेबसाइट््स पर पुलिस नजर रख रही है। यही वजह है कि कुछ दिनों में पुलिस ने ४ जगह ऑनलाइन सट्टे का भंडाफोड़ किया है।
क्राइम ब्रांच के एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया के मुताबिक, वेबसाइट बनाने के लिए डोमेन की आवश्यकता होती है। देखने में आया है कि ऐसी वेबसाइट्स से जुड़े डोमेन विदेश के हैं। वहीं उनके सर्वर भी हैं। जो वेबसाइट हमारे देश में प्रतिबंधित हैं, वह विदेशों से रन हो रही है। दुबई ऐसी वेबसाइट््स का हब माना जाता है। शहर के युवा ऐसी वेबसाइट्स से जुड़ रहे हैं। एजेंट बनकर वे ग्राहकों की आइडी पासवर्ड बना रहे हैं। ग्राहक क्रिकेट मैच पर ऑनलाइन सट्टा लगाते हैं। जिस पर उनका कमीशन फिक्स रहता है।
अब मोबाइल पर चल रहा सट्टा
पहले क्रिकेट सट्टा चलाने के लिए मोबाइल सर्वर और अन्य डिवाइस का इस्तेमाल सटोरिये करते थे। अब सट्टा खिलाने वाले मोबाइल पर ही पूरा कारोबार कर रहे हैं। पुलिस भी मानती है कि मोबाइल पर सट्टा खेलने वालों को पकडऩा बड़ी चुनौती है। दंडोतिया ने बताया, ऑनलाइन क्रिकेट सट्टा खिलाने के मामले में छात्रों सहित एक दर्जन आरोपियों को पकड़ा है।
यूएस के डोमेन को करेंगे मेल, युवा न करें भविष्य बर्बाद
यूएस के गोडैडी डोमेन पर कई ऐसी वेबसाइट चल रही हैं, जो देश में प्रतिबंधित हैं। इन वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन क्रिकेट सट्टा चल रहा है। इन पर रोक लगाने के लिए गोडैडी डोमेन को ई-मेल करेंगे। युवाओं को सट्टे से पैसा कमाना आसान जरिया लगता है, जबकि कमीशन एजेंट उनसे पैसा कमा रहे हैं। पकड़े जाने पर युवाओं के खिलाफ लगातार केस दर्ज हो रहे हैं। उन्हें सोचना चाहिए कि एक बार क्रिमिनल रिकॉर्ड बनने पर उनका पासपोर्ट नहीं बन सकता है। सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी। छात्र इस बुरी लत से दूर रहें।
-राजेश दंडोतिया, एडिशनल डीसीपी, क्राइम ब्रांच
Published on:
11 Apr 2024 08:31 pm
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