
50-60 किमी प्रतिदिन साइकिल चलाने का क्रेज, कार की टक्कर से गंभीर स्थिति में पहुंचे कपड़ा व्यापारी
इंदौर. फिटनेस क्रेजी लोगों में साइकलिंग एक बड़ा क्रेज बनकर उभरी है। व्यापारी, डॉक्टर-इंजीनियर जैसे प्रोफेशनल साइकिल चला रहे है। कई लोग तो प्रतिदिन 50-60 किलोमीटर साइकिल चलाते है। कपड़ा व्यापारी रुपेश गांधी (46) भी ऐसे ही क्रेजों लोगों में शामिल है लेकिन साइकिल ट्रेक अथवा सुरक्षित ट्रेक की कमी से उनकी जान पर बन आई। बापट चौराहे पर रांग साइड में ओवर टेक करते हुए कार ने उन्हें टक्कर मारी, गंभीर स्थिति में उनका इलाज चल रहा है। शनिवार शाम तक भी उनकी स्थिति गंभीर बनी हुई है।
साइकिलिस्ट रुपेश गांधी निवासी साउथ तुकोगंज के साथ गुरुवार सुबह करीब 7 बजे बापट चौराहे पर हुई दुर्घटना ने अन्य लोगों को शॉक की स्थिति में ला दिया है। रुपेश गांधी के साथ साइकिलिंग करने वाले अब सुरक्षा को लेकर गंभीर हो गए है। रुपेश गांधी साइकिल के क्रेजी थे। बुधवार को करीब 60 किलोमीटर तो गुरुवार को करीब 80 किलोमीटर साइकिल चलाने निकले थे। साथी गौरव जैन के साथ एमआर 10 से गुजर रहे थे। दोनों ही हेलमेट के साथ ही अन््य सुरक्षा साधनों से लैस थे। गौरव जैन के मुताबिक, बापट चौराहे पर तेज गति से आइ कार ने रांग साइड ओवर टेक करते हुए अपनी लेन से जा रहे रुपेश को टक्कर मारी। उनके सिर में गंभीर चोट आई, पहले पास के निजी अस्पताल व बाद में बांबे हॉस्पिटल में दाखिल किया गया, हालत गंभीर है। रुपेश के परिवार में पत्नी, बेटा व एक बेटी है। परिजनों के साथ ही साइकिलिंग करने वाले अन्य लोग भी इस घटना को कारण शॉक की स्थिति में है।
गौरव के मुताबिक, वे तथा रुपेश अन्य साइकिलिंग करने वालों के ग्रुप मेें शामिल है और प्रतिदिन साइकलिंग करते है। गौरव बायपास पर साइकिल चलाते है लेकिन रुपेश से मिलने आए तो साथ ही साइकिलिंग करने लगे। कार ने टक्कर मारी तो लोगों की मदद से रुपेश को अस्पताल ले गए। एक बाइक सवार व ऑटो चालक ने कार का नंबर देखा जिसके आधार पर हीरानगर थाने में केस दर्ज कराया। गौरव का कहना है, बड़ी संख्या में लोग साइकलिंग करते है है लेकिन उनके लिए शहर में कोई सुरक्षित ट्रेक नहीं है और इस तरह की घटनाएं हो जाती है।
बंगलुरु, पुणे में सुरक्षित साइकिल ट्रेक तो इंदौर में क्यों नहीं?
चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ. योगेंद्र व्यास मैराथन रनर है। 9 साल से साइकिलिंग कर रहे, कई मैराथन में भाग लिया है। डॉ. व्यास के मुताबिक, फिटनेस के लिए लोग साइकिलिंग करते है, लगातार इसका क्रेज बढ़ रहा है। सैकड़ों की संख्या में साइकिलिस्ट है लेकिन उनके लिए सुरक्षित साइकिल ट्रेक शहर के लिए दुर्भाग्य की बात है। सिंगापुर में अधिकांश लोग साइकिल चलाते है। बंगलुरु, पुणे में साइकिल ट्रेक है, यहां भी इसकी जरुरत है। मेरी तो साइकिलिंग करने वालों से भी अपील है कि वे क्रेज के बीच सुरक्षा पर विशेष ध्यान रखेंं। प्रशासन को ऐसे लोगों के लिए विशेष ट्रेक बनाने पर जोर देना चाहिए।
साइकिल ट्रेक होते गए गुम
- बीआरटीएस पर शुरुआती दौर में साइकिल ट्रेक बनाए गए थे लेकिन समय के साथ गुम होते गए। ट्रेक पर कब्जे हो गए, कई जगह तो इन्हें सडक़ में ही मिला दिया गया।
- सुपर कॉरिडोर पर भी साइकिल ट्रेक बनाया गया था लेकिन उचित देख रेख नहीं होने से वह भी नजर नहीं आता है।
- पश्चिम रिंग रोड, अन्नपूर्णा रोड, सपना संगीता रोड पर भी साइकिल ट्रेक के दावे किए गए थे लेकिन वह पूरे नहीं हुए।
जगह की कमी से नहीं बन पा रहे साइकिल ट्रेक
सडक़ों पर जगह की कमी से साइकिल ट्रेक नहीं बन पा रहे। भविष्य में जो नई सडक़ की योजना बनाएगी वहांं जगह की उपलब्धता की स्थिति रही तो साइकिल ट्रेक बनाया जाएगा। जहां कब्जे है उन्हें भी हटाएंगे।
प्रतिभा पाल, निगमायुक्त।
Published on:
11 Dec 2022 12:46 am
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