निगम पहले भी कर चुका ऐसा प्रयोग, मुंह की खानी पड़ी
इंदौर। स्मार्ट सिटी कंपनी राजबाड़ा-गोपाल मंदिर और उद्यान एरिया को मिलाकर अहिल्या लोक का विकास करना चाहती है। इसको लेकर योजना बनाई गई है जिसमें सब कुछ ठीक है, लेकिन राजबाड़ा के सामने का रास्ता बंद किया जा रहा है। ऐसी गलती नगर निगम दो दशक पहले भी कर चुका है जिस पर जमकर बवाल हुआ था। निगम को आखिर में रास्ता निकालना पड़ा था।
स्मार्ट सिटी कंपनी के फेर में दो दिन पहले महापौर पुष्यमित्र भार्गव को एक बड़ा फैसला लेना पड़ गया था। कंपनी ने महाकाल लोक की तर्ज पर राजबाड़ा, गोपाल मंदिर और उद्योग एरिया को मिलाकर अहिल्या लोक का प्रोजेक्ट तैयार किया है जिसमें भी विवाद खड़ा होने की संभावनाएं बन रही हैं। कंपनी के प्रोजेक्ट में राजबाड़ा और उद्यान के बीच बने मार्ग को बंद करना बताया है। यशवंत रोड से कृष्णपुरा छत्री जाने वाले उद्योन के सामने से जाएंगे। गोपाल मंदिर का मार्ग पैदल चलने वालों के लिए हो जाएगा तो छत्री से राजबाड़ा की ओर वाहन नहीं आ पाएंगे। उन्हें नंदलालपुरा की ओर मोड़ दिया जाएगा।
ऐसा करना आसान नहीं होगा
पूर्व में भी नगर निगम ऐसी गलती कर चुका है। दो दशक पहले जब कैलाश विजयवर्गीय महापौर और शंकर लालवानी जनकार्य समिति के प्रभारी थे तब राजबाड़ा और उद्यान के बीच का मार्ग बंद कर दिया गया था। लोकमाता की प्रतिमा को राजबाड़ा की तरफ लगा दिया गया था। इस बदलाव के बाद राजबाड़ा के यातायात का कचूमर निकल गया था। पूरा एरिया जाम होने लग गया था। इसको लेकर आसपास के व्यापारियों ने भारी विरोध किया। स्थिति को देखते हुए बाद में फिर से बदलाव करते हुए प्रतिमा को बगीचे में शिफ्ट करके रास्ते को खोला गया। कंपनी उस गलती को फिर से दोहरा रही है।
ये होगा राजबाड़ा
स्मार्ट सिटी कंपनी ने जो प्रोजेक्ट तैयार किया है। उसमें राजबाड़ा, गोपाल मंदिर और उद्यान एरिया को मिलाया गया है। उसको मिलाकर पूरा देवी अहिल्या लोक तैयार होगा। उसमें लोकमाता के जीवन के प्रसंगों को लाइट एंड साउंड शो के माध्यम से दिखाया जाएगा तो हेरिटेज पथ पर इंदौर की कला-संस्कृति की निहारा जा सकेगा तो सराफे में व्यंजन का लुफ्त उठाया जा सकेगा। बगीचे में रंगीन फव्वारा भी लगाया जाएगा। प्रोजेक्ट में 25्र करोड़ रुपए की लागत आएगी।
जनप्रतिनिधियों के सामने रखेंगे प्रोजेक्ट: महापौर
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने न्यूज टुडे से चर्चा में बताया कि कंपनी ने प्रोजेक्ट तैयार किया है उसे हमने फायनल नहीं किया गया है। बड़ा बदलाव है जिसको देखते हुए हम जनप्रतिनिधियों के सामने प्रोजेक्ट रखेंगे। आवश्यकता लगी तो व्यापारी व जनता से भी बात की जाएगी। उसके बाद तय किया जाएगा।