
इंदौर. देवास. माता चामुंडा और तुलजा भवानी के लाखों श्रद्धालु हैं। वर्तमान में जबरेश्वर महादेव मंदिर के सामने बड़ा सा गेट बनाया है। इसका नाम माता के नाम पर नहीं करने पर श्रद्धालुओं में रोष है।
देवास के युवा अरुण परमार ने इसे सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है, जिसका प्रतिसाद बेहतर मिला है। शहर के हर तबके, हर धर्म के लोगों ने एक स्वर में कहा कि मां के दरबार में जाने वाले मार्ग पर लगे गेट का नाम भी माता चामुंडा-तुलजा भवानी गेट होना था। नगर निगम के जिम्मेदार लाखों लोगों की श्रद्धा से खिलवाड़ कर रहे हैं।
ये लिखा है युवा ने पत्र
मुख्य द्वार का नाम तुलजा भवानी हो : नगर निगम द्वारा टेकरी पहुंचने के 4 रास्तों पर द्वार का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें से एक जबरेश्वर मंदिर के समीप बनकर तैयार हो गया। इसका नामकरण कुमार गंधर्व के नाम किया जा रहा है, जबकि स्टेशन रोड की तरफ बन रहे द्वार का नाम मां तुलजा भवानी के नाम से होगा।
इसी तरह एबी रोड पर सीढ़ी द्वार मां चामुंडा के नाम से और राधागंज तरफ से पुलिस लाइन वाले द्वार का नाम सदगुरु शीलनाथ के नाम से होगा। अब सवाल यह उठता है कि जबरेश्वर मंदिर के समीप बना द्वार जो कि एबी रोड पर है, जिस पर शहर से गुजरने वाले हर आने-जाने वाले की नजर पड़ेगी। उस द्वार का नाम मां तुलजा भवानी न रखते हुए कुमार गंधर्व के नाम पर रखा है और स्टेशन रोड वाले द्वार का नाम मां तुलजा भवानी के नाम पर रखा है, यदि ये त्रुटि है, तो इसे तुरंत सुधारा जाना चाहिए और सोचा-समझा निर्णय है, तो इस पर पुन: विचार होना चाहिए। साथ ही यह भी लिखा हैकि ये कुमार गंधर्व के नाम का विरोध नहीं, व्यवस्था का विरोध है। कुमार गंधर्व का नाम देवास के प्रवेश द्वार पर लगाना चाहिए, जिससे आने वालों को भी अच्छा लगे।
गेट बना और लगा दिए पोस्टर
टेकरी जाने वाले मार्गको सुंदर बनाने के लिए गेट बनाया गया है। गेट बनते ही नेताओं के पोस्टर टंगना भी शुरू हो गए है। रात में गेट के दोनों और पोस्टर लगा दिए गए हैं।
ये दी लोगों ने प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के बाद कई लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।
टेकरी पहुंच मार्ग के दोनों मुख्य द्वार पर मां चामुंडा एवं तुलजा भवानी का ही नाम होना चाहिए ,मैं सहमत हूं आपकी बात से, सुधार आवश्यक है ।
विशाल पडियार
इस द्वार का नाम मां तुलजा भवानी ही प्रस्तावित था। होना भी चाहिए। कुमार गंधर्व के लिए इससे भी बड़ा गेट बनवाओ लेकिन ये माता टेकरी का प्रवेश द्वार है। जनता की भावनाओं का सम्मान हो।
सौरभ सचान
निर्णय तो समझकर ही लिया है, त्रुटि वश नहीं है। परिषद में इसका निर्णय हो चुका है लेकिन आपका सुझाव भी एकदम सही है. पुनर्विचार के लिए महापौर से बात करेंगे।
अर्जुन चौधरी, पार्षद
आवास नगर स्थित कुमार गंधर्व मांगलिक भवन की दशा तो सुधरी नहीं, एक धरोहर को पहले अच्छा करो उसके बाद कुमार गंधर्व के नाम पर कोई फैसला लो। टेकरी द्वार माता रानी के नाम पर होना चाहिए। यहां तो आगे पाठ पीछे सपाट वाली बात हो रही है।
गौरव जोशी
Published on:
19 Nov 2017 03:54 pm
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