
diwali puja vidhi, puja samagri, diwali 2017, diwali laxmi puja, diwali songs, diwali mantra, laxmi mantra in hindi, diwali tantra puja
इंदौर. दिवाली तैयारियां चल रही हैं। साल का सबसे बड़ा तयोहार दिवाली है। दिवाली में न केवल लोगों को कपड़े खरीदने या साफ सफाई ही नहीं करनी होती इसके अलावा भी चीजें हैं जिनसे दिवाली का त्योहार खास होता है। व्यापारियों के लिए बहुत खास है दिवाली, इस दिन से नए बहिखाते में काम शुरू होता है। इन बहिखातों को शुभ मुहूर्त में खरीदना बहुत अच्छा होता है।
दीपावली से व्यापारियों का नया वर्ष शुरू होता है। शुभ मुहूर्त में व्यापारी अपने नए बहीखाता की शुरुआत करते हैं। उनके लिए नया वित्तीय वर्ष शुरू होता है। 13 अक्टूबर को पुष्य नक्षत्र के दिन व्यापारी पूरे विधि-विधान के साथ बहीखाता की खरीदारी करेंगे। व्यापारियों ने अभी से बहीखातों की बुकिंग भी कर दी है।
इस आधुनिकता के युग में भले ही कम्यूटर ने भारत में पारंपरिक बहीखातों के व्यापार को सतह से ओझल कर दिया हो, लेकिन दीपावली पूजन में व्यापारी अब भी बहीखातों की पूजा करते हैं। पारंपरिक तौर पर दीपावली के पहले शुभ मुहूर्त पर विधि विधान से नए बहीखाते खरीदकर लाए जाते हैं और उसके साथ ही नए वर्ष का व्यापार भी शुरू करते हैं। दीपावली पर पूजन के साथ ही नए सौदे मुहूर्त के दर्ज भी किए जाते हैं।
बहीखाता पूजन का काफी महत्व
ज्योतिर्विद पं. गुलशन अग्रवाल ने बताया कि अभी भी व्यापार में बहीखाता पूजन का महत्व है। व्यापारी शुभ मुहूर्त में जहां बड़े पैमाने पर बहीखाता क्रय करते हैं वहीं उनका पूजन कर अपने व्यापार का नया वर्ष भी शुरू करते हैं। शुक्रवार को सुबह से शाम तक बहीखाते बड़ी संख्या में खरीदे जाएंगे।
बहीखाता लाने का शुभ मुहूर्त
(13 अक्टूबर)
सुबह 8.36 से 10.51 बजे तक
दोपहर 12.36 से 3.41 बजे तक
शाम 5.11 से 6.15 बजे तक
बहीखाता पूजन मुहूर्त ( 19 अक्टूबर )
सुबह 6.41 से 8.01 बजे तक
सुबह 10.36 से 11.51 बजे तक
दोपहर 12.41 से 3.11 बजे तक
शाम 4.41 से 5.51 बजे तक
शाम 6.21 से 9.15 बजे तक
Updated on:
12 Oct 2017 01:40 pm
Published on:
12 Oct 2017 01:38 pm
बड़ी खबरें
View Allइंदौर
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
