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735 करोड़… कमाए पांच माह में

-रजिस्ट्रार विभाग बना कमाऊ पूत, इंदौर में जमीनों की हो रही बड़ी खरीद-फरोख्त, सात माह बाकी, सारे रिकॉर्ड टूटेंगे

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पांच माह में कमाए 735 करोड़

,,पांच माह में कमाए 735 करोड़

इंदौर. जमीन का कारोबार इंदौर में चरम पर है। इसका अंदाजा इससे ही लगाया जा सकता है कि रजिस्ट्रार विभाग ने पांच माह में 735 करोड़ रुपए की कमाई कर ली। ये आंकड़ा 2013-14 में तो सालाना कमाई का था। इस हिसाब से देखा जाए तो अभी सात माह बाकी हैं, जिसमें अब तक के सारे रिकॉर्ड टूटेंगे।


सरकार के कुछ कमाऊ विभाग हैं, जिसमें आरटीओ, आबकारी और रजिस्ट्रार विभाग प्रमुख है। आरटीओ की कमाई को देखकर शहर में खरीदी जाने वाली नई गाडिय़ों का अंदाजा लगाया जा सकता है तो शराब की खपत आबकारी की कमाई से लग सकती है। इनके अलावा जमीन के कारोबार के क्या हाल हैं, ये पता लगाना हो तो रजिस्ट्रार विभाग के आंकड़ों को देखना होगा। नए वित्त वर्ष (अप्रैल से) में ये आंकड़े चौंकाने वाले सामने आ रहे है। अगस्त के दो दिन बाकी है लेकिन अब तक विभाग की कमाई 735 करोड़ रुपए हो गई है तो 60 हजार के आसपास रजिस्ट्री हो चुकी हैं, जो बड़ा आंकड़ा है। कुछ वर्षों पहले तक ये कमाई वार्षिक होती थी।

इंदौर ने पलटकर नहीं देखा

2013-14 में इंदौर रजिस्ट्रार ने 696 करोड़ रुपए की कमाई की थी। उस 2014 से 2017 तक ये आंकड़ा 850 करोड़ के आसपास घूमता रहा। उसके बाद इंदौर रजिस्ट्रार की कमान बीएल मोरे के हाथ में आई, तब वर्ष 2018 में 1009 करोड़ की कमाई हुई। उसके बाद इंदौर ने पलटकर नहीं देखा। पिछले साल तो इंदौर रजिस्ट्रार ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए थे, जिसमें 1836 करोड़ की कमाई की गई। रजिस्ट्री संख्या भी एक लाख 33 हजार 948 थी, जो अपने आपमें बड़ा आंकड़ा था। देखा जाए तो प्रदेश में सबसे ज्यादा कमाई देने वाला रजिस्ट्रार विभाग इंदौर का हो गया है।


खूब फल-फूल रहा कारोबार
इंदौर में जमीनों का कारोबार इन दिनों तेजी में है। बड़े पैमाने पर बाहर के खरीदार यहां निवेश कर रहे हैं। खासतौर पर उनकी रुचि जमीन को लेकर है। सुपर कॉरिडोर के साथ बायपास के आसपास भी बड़े पैमाने पर खरीद-फरोख्त हो रही है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्र में जमीन के बड़े सौदे भी हो रहे हैं। इसके अलावा एक और बात ये निकलकर सामने आ रही है कि फ्लैट खरीदने की बजाय लोग प्लॉट खरीदने में ज्यादा विश्वास कर रहे हैं। उज्जैन रोड, खंडवा रोड और राऊ के आसपास कई कॉलोनियां बस रही हैं, जिनमें तेजी से माल बिक रहा है।