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निजी स्कूलों और पुस्तक विक्रेताओं की साठगांठ की पहुंच रही शिकायतें

अभिभावकों से गोपनीय रूप से लेंगे इनपुट

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इंदौर

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Ramesh Vaidh

Apr 08, 2024

निजी स्कूलों और पुस्तक विक्रेताओं की साठगांठ की पहुंच रही  शिकायतें

इंदौर. स्कूल सत्र शुरू हो गए हैं। अभिभावक अपने बच्चों के लिए कॉपी, किताब और यूनिफॉर्म खरीद रहे हैं। शिक्षा विभाग के पास निजी स्कूलों और पुस्तक विक्रेताओं की साठगांठ की शिकायतें पहुंच रही हैं। ऐसे में जिला शिक्षा विभाग ने निजी स्कूलों, किताबों और यूनिफॉर्म विक्रेताओं की जांच करने और अभिभावकों से प्रतिक्रिया लेने के लिए विभाग के अधिकारियों की टीम बनाई है। उडऩदस्ते की यह टीम अब अभिभावकों से गोपनीय रूप से इनपुट लेगी।
जिला कलेक्टर आशीष ङ्क्षसह ने हाल ही में निजी स्कूलों, पुस्तक प्रकाशकों, विक्रेताओं और यूनिफॉर्म विक्रेताओं के एकाधिकार को समाप्त करने के उद्देश्य से धारा 144 के तहत एक आदेश जारी किया था। इसके बाद शिक्षा विभाग ने विभिन्न माध्यमों से निजी स्कूलों और पुस्तक विक्रेताओं पर निगरानी शुरू कर दी है। शहर के स्कूलों, किताबों और यूनिफॉर्म की दुकानों की जांच के लिए उडऩदस्ते का भी गठन किया गया है।
शिकायत करने वाले अभिभावकों के नाम गोपनीय रहेंगे
डीईओ मंगलेश व्यास ने बताया, धारा 144 के तहत आदेश का पालन सुनिश्चित करने के लिए स्कूलों की निगरानी करने और अपने कर्मचारियों के माध्यम से गोपनीय रूप से अभिभावकों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। नाम न छापने की शर्त पर माता-पिता विभाग में अपनी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं, क्योंकि कई अभिभावक रिपोर्ट करने के लिए सामने आने से बचते हैं।
किताबें खरीदने स्कूल ने दिया स्टोर का कार्ड
अभिभावक अनिल रैकवार ने बताया, सेंट अर्नाल्ड हायर सेकंडरी स्कूल कक्षा तीसरी में बेटा पढ़ाई कर रहा है। स्कूल द्वारा बुक खरीदने के लिए एक कार्ड दिया गया, जिसमें मदान बुक एंड स्टोर का नाम लिखा था। यह दुकान एलआइजी पर है। स्टोर पर गया तो वहां से 4 हजार 376 रुपए की किताबें खरीदीं। छूट मांगी तो दुकानदार ने देने से मना कर दिया। काफी मिन्नतों के बाद दो-तीन सौ रुपए की छूट दी गई।
स्कूलों को सावर्जनिक करना होगी सूची
कलेक्टर के आदेश के उल्लंघन की जांच के लिए उडऩदस्ता स्कूलों, किताब और यूनिफॉर्म की दुकानों का निरीक्षण करेगा। आदेश के अनुसार, स्कूलों संचालकों को प्रत्येक कक्षा के लिए अनिवार्य पुस्तकों की सूची स्कूल की वेबसाइट पर अपलोड करनी होगी और इसे स्कूल के सार्वजनिक नोटिस बोर्ड या स्थान पर चिपकाना होगा।
किताबें खरीदने को मजबूर नहीं कर सकेंगे
आदेश में स्कूलों से कहा है कि वे विद्यार्थियों व अभिभावकों को सूचीबद्ध किताबें खरीदने को मजबूर न करें। उपलब्धता के आधार पर अभिभावक 15 जून 2024 तक किताबें खरीद सकेंगे। स्कूल अन्य विषयों जैसे, नैतिक शिक्षा, सामान्य ज्ञान, कंप्यूटर आदि पर निजी प्रकाशकों द्वारा प्रकाशित पुस्तकें खरीदने के लिए बाध्य न करें।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का लिया सहारा
नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत के साथ, किताबें और यूनिफॉर्म की बढ़ती कीमतों से ङ्क्षचतित कई माता-पिता इस मुद्दे को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का सहारा ले रहे हैं। इस बात पर बहस चल रही है कि क्या ऐसे आदेश निजी स्कूलों, किताब और यूनिफॉर्म विक्रेताओं के बीच गठजोड़ को खत्म कर सकते हैं। इन ऑनलाइन प्लेटफार्मों पर चर्चा चल रही है।