इंदौर

परीक्षा मूल्यांकन विवादः विश्वविद्यालय पीछे हटा

बीएड के तीन विषयों का पुन: मूल्यांकन करने को हुआ तै

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Oct 09, 2022
मूल्यांकन दोबारा कराने की मांग को लेकर विश्वविद्यालय पहुंचे छात्र

इंदौर. स्नातकोत्तर परिक्षाओं में कॉपियों की जांच के दौरान मूल्यांकन में गड़बड़ी की बात को खुद विश्वविद्यालय भी मानने लगा है। बीएड के खराब रिजल्ट की शिकायत के बाद अब विश्वविद्यालय ने इन परिक्षाओं का पुन: मूल्यांकन करने की रजामंदी दे दी है।राजभवन में कुलपति द्वारा दिए आश्वासन के मुताबिक विश्वविद्यालय ने 50 से ज्यादा परिक्षाओं के रिजल्ट 30 सितंबर तक जारी कर दिए थे। इनमें 10 दिन पहले हुई परिक्षाएं भी शामिल थी। इस दौरान कई कक्षाओं के रिजल्ट में सैंकड़ों छात्रों को फेल कर दिया गया था, या उन्हें एटीकेटी दे दी गई थी। इसमें बीएड द्वितीय सेमेस्टर के रिजल्ट भी शामिल थे। इसकी परीक्षा में 6 हजार छात्र शामिल हुए थे, उनमें से 3700 छात्रों को या तो फेल कर दिया गया या उन्हें एटीकेटी दे दी गई थी। इसको लेकर लगातार छात्र विरोध कर रहे थे। इसके चलते ही युवक कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष जावेद खान के साथ सैंकड़ों छात्रों ने देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में घंटो तक धरना भी दिया। वहीं छात्रों के विरोध के बाद कुलपति रेणु जैन ने जिन विषयों में छात्रों को सबसे कम नंबर जारी हुए हैं, उन तीनों विषयों टीचिंग एंड लर्निंग, गणित एवं हिंदी की कापियों का पुन: मूल्यांकन करने पर रजामंदी दे दी।

चतुर्थ सेमेस्टर का भी रिजल्ट बिगड़ाबीएड चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षाओं का रिजल्ट भी इसी तरह से आया था। इस परीक्षा में बैठे 5800 से ज्यादा छात्रों में से 3000 से ज्यादा छात्रों को एटीकेटी दी गई है। वहीं 280 छात्रों को तो फेल ही कर दिया गया। जबकि औसत तौर पर इसका रिजल्ट 60 फीसदी से ज्यादा आता था, लेकिन इस बार इसका रिजल्ट 40 फीसदी भी नहीं रहा। जिसको लेकर भी छात्रों में गुस्सा था। ऐसे एक दो नहीं बल्कि लगभग 40 से अधिक विषयों के रिजल्ट को लेकर छात्रों में गुस्सा है।

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