
सामाजिक समरस्ता की पेश हुई मिसाल, एक साथ पूजा कर रहे थे राजपूत और वाल्मीकि
इंदौर। स्वच्छता में पांच बार नंबर वन आने के बाद देशभर में अपनी एक अलग छवि बनाने वाले इंदौर ने एक ओर मिसाल पेश कर दी। नगर निगम में आने वाले एक गांव ने सामाजिक समरसता का उदाहरण देते हुए गांव गेर माता का पूजन कर एक पंगत में भोजन किया। गांव में ये बड़ा बदलाव पूर्व विधायक की पहल पर हुआ।
आज भी छूआछूत जैसी बीमारी सब पर हावी है। खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्र में दलित वर्ग से ऊंची जाति के लोग दूरी बनाकर रखते हैं। यहां तक कि उन गांवों में दूल्हे को मंदिर और मुर्दे को श्मशान में प्रवेश नहीं दिया जाता है। ऊंच-नीच व जात-पांत का भेदभाव मिटाकर आज इंदौर के पीपल्याराव गांव ने सामाजिक समरसता का एक बड़ा उदाहरण पेश किया। बड़ी बात ये है कि जब कार्यक्रम तय हो रहा था तब कुछ लोगों ने अलग -अलग प्रस्ताव रखे थे, लेकिन वहीं रहने वाले पूर्व विधायक मनोज पटेल ने एक आयोजन की बात रखी जिस पर सभी राजी हो गए।
रात 3 बजे से यहां पर गांव गेर माता का पूजन शुरू हुआ। गांव के पटेल भेरूसिंह पटेल माथे पर चुनरी और पूजा का सामान लेकर पहुंचे तो महिलाएं अपने सिर पर सिगड़ी और अन्य पूजन सामग्री लेकर आईं। तड़के उत्सव का माहौल था जो सुबह 7 बजे तक जारी था। एक के बाद एक परिवार पूजा करने मंदिर पहुंच रहा था। मंदिर जाने वालों में पूर्व विधायक पटेल भी थे जो पत्नी के साथ पहुंचे।
बदला हुआ था नजारा
मंदिर का नजारा ही कुछ और था, क्योंकि राजपूत और वाल्मीकि परिवार एक साथ पूजा करते दिखाई दिए। इसके अलावा धाकड़, मालवीय, आदिवासी और अन्य परिवार भी पहुंचे। सभी ने पूजा कर ये कामना की कि गांव में रहने वालों पर आने वाली आपदा-विपदा को माता दूर करे और सभी को सुखी व सम्पन्न बनाए। गौरतलब है कि कल रात को भी सामूहिक भोज था तो आज दोपहर का भोजन भी सभी समाज मिलकर करेंगे।
Published on:
05 Jun 2022 11:38 am
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