
खाद के बाद बीज की दिक्कत
धार। एक ओर पहले से ही किसान खाद के लिए परेशान हो रहा है वहीं दूसरी ओर उच्च क्वालिटी का बीज उपलब्ध नहीं होने के कारण उसे मार्केट का सहारा लेना पड़ रहा है। उसे ऊंचे दामों पर बीच खरीदी करनी पड़ रही है। अगर समय रहते सोसाइटी व कृषि विभाग के माध्यम से बीज उपलब्ध होता तो किसानों पर आर्थिक मार कम होती। वहीं सब्सिडी से किसानों को बीज उपलब्ध हो जाता मगर अभी तक सरकार ने इसका रेट तय नहीं किया है। इसके चलते किसानों को अब बाहर बाजार पर ही निर्भर रहना पड़ेगा। कब शासन इसका रेट तय करे कुछ पता नहीं।
जब छोटे किसान बाजार से महंगे दामों पर बीज खरीद लेंगे। दूसरी ओर जिले में किसान बोवनी की शुरुआत करने की तैयारी में हैं। सोयाबीन की कटाई लगभग 80 प्रतिशत हो चुकी है। साथ ही खेतों को रबी सीजन के लिए तैयार कर रहे हैं। दीपावली के बाद रबी सीजन की बोवनी शुरू हो जाएगी। कृषि विभाग में गेहूं का उन्नत बीज तो उपलब्ध है, लेकिन दाम तय नहीं हो पाने के कारण बीज का वितरण ही शुरू नहीं हो पाया है। वहीं ऐसे में किसानों को सरकारी केंद्र के बजाय बाजार पर निर्भर रहना पड़ेगा। जहां से महंगे दाम पर किसानों को बीज खरीदना पड़ेगा।
जिले में इस बार रबी सीजन में 4 लाख 21 हजार हेक्टेयर में बोवनी का लक्ष्य रखा गया है। इसमें 2 लाख 88 हजार 500 हेक्टेयर में गेहूं बोवनी का लक्ष्य रखा गया है। जबकि गत वर्ष 2 लाख 96 हजार 700 हेक्टेयर में बोवनी हुई थी। गत वर्ष की तुलना में इस बार गेहूं की बोवनी का लक्ष्य कम है, बल्कि 78 हजार हेक्टेयर में चना, 7 हजार हेक्टेयर में मटर, 1 हजार हेक्टेयर में मसूर, 0.550 हेक्टेयर में सरसों सहित अलसी और गन्ने की बुवाई के लिए लक्ष्य निर्धारित कर लिए गए हैं।
मार्केट पर निर्भर किसान
गेहूं को लेकर किसान अमूमन बाजार पर ही निर्भर रहते हैं। इसकी वजह यह है कि सोसायटी और सेंटरों पर गेहूं का बीज नहीं पहुंचता है। ऐसे में जिन किसानों के पास परंपरागत बीज नहीं हैं उसे बाजार भाव से बीज लेना पड़ता है। भारतीय किसान संघ के प्रसार प्रमुख अमोल पाटीदार ने बताया परंपरागत बीज पर ही किसान निर्भर रहता है। सोसायटी और नकद केंद्र पर गेहूं नहीं पहुंचता है।
निगम के पास भी नाममात्र बीज
इधर बीज निगम के पास अभी बोवनी के हिसाब से 686 क्ंिवटल बीज की उपलब्धता धार में है। यह मात्रा बोवनी के लक्ष्य के हिसाब से काफी कम है, लेकिन इसके बाद भी वितरण पर ताला लगा हुआ है। इसकी वजह यह है कि गेहूं के रेट तय नहीं हुए है। ऐसे में वितरण शुरू नहीं हुआ है। रेट तय होने के आदेश जारी हो तो वितरण शुरू होने की
उम्मीद है।
Published on:
16 Oct 2022 11:01 am
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