
इंदौर : सुख, समृद्धि और विघ्नहर्ता के देव भगवान श्री गणेश चतुर्थी को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं। 22 अगस्त 2020 से गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2020) का पर्व शुरू हो जाएगा। इंदौर में इस बार कोरोना काल में गोबर से भगवान की गणेश की प्रतिमा बनाई जा रही है। प्रशासन ने भी छोटी मूर्तियां बनाने का निर्देश दिया है। स्वदेशी राखी के बाद अब मिट्टी और गोबर से गणेश प्रतिमा बनाने के लिए शहर में वैदिक गणेश कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। शहर से लेकर गांवों की महिलाएं साथ मिलकर इन अनोखी मूर्तियों को तैयार कर रही हैं। मूर्तियों में गंगाजल, तुलसी के बीज, गोबर का उपयोग किया जा रहा। इन्हें घर में ही गमले, बगीचे और बर्तन में विसर्जित किया जा सकता है।
गणेश मूर्ति में भगवान गणेश डॉक्टर
कोरोना महामारी के बीच इस बार गणेश के अलग रूप भी नज़र आ रहे है, इकोफ्रैंडली गणेश मूर्ति में भगवान गणेश डॉक्टर के रूप में नज़र आ रहे हैं, तो कहीं गणेशजी को मास्क पहनाया गया है। खास बात यह है कि इस बार पीओपी से बनी मूर्तियां और केमिकलयुक्त कलर से रंगी मूर्तियों का उपयोग नहीं किया जा रहा है, इस बार बाजार में मिट्टी और गोबर से बनी गणेश मूर्तियां ही नजर आएंगी। यही नहीं यह पहली बार होगा जब लोगो घरों में गणेश भगवान की पूजा करेंगे। इस बार गणेश पंडाल सजाने की अनुमति नहीं दी गई है।
कोरोना संकट में सतर्कता जरूरी
साल 2020 ऐतिहासिक साल बना है। यह पहली बार है कि लोग घरों के अंदर रहकर बड़े त्योहार मना रहे हैं। कोरोना महामारी के चलते इस बार प्राशासन ने भी सख्ती बढ़ी दी है। ताकि कोरोना का संक्रमण न फैले। कोरोना का प्रभाव इस बार बनने वाली गणेश की मूर्तियों में दिखाई पड़ रहा है। छोटी मूर्तियों में गणेश भगवान कोरोना को मारते दिखाया जा रहा है।
Published on:
19 Aug 2020 09:25 am
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