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झांकियां तैयार, बस आपका इंतजार

हजारों रंगीन बल्बों से सजी है 6 मिलों की 13 झांकियां, मजदूरों ने कड़ी मेहनत से उकेरी कला

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Indore Online

Sep 26, 2015

ganesh mahotsav

ganesh mahotsav

इंदौर।
अनंत चतुर्दशी पर मालवा के सालाना जलसे की रात को रोशन करने के लिए झांकियों का कारवां सज-धजकर तैयार है। छह कपड़ा मिलों की 13 झिलमिल झांकियों के साथ ये शहर रविवार को रतजगा करेगा। आईडीए, नगर निगम, खजराना गणेश मंदिर की झांकियां भी चल समारोह का हिस्सा बनेंगी। मिलें बंद होने के बाद भी मजदूरों के पसीने से सींची कलाकारी देखने लायक बन पड़ी है। झांकियों में इस बार धार्मिक, पौराणिक, सामाजिक व राष्ट्रीय विषय शामिल किए गए हैं। अब सभी को इंतजार है उस रात का जब हजारों आंखें इन झांकियों को अपलक निहारेंगी और अहिल्यानगरी की 100 बरस पुरानी परंपरा को जिंदा करेगी। पेश है झांकियों पर केंद्रित रिपोर्ट...


नाग पंचमी पूजन और उज्जैन का नागचंद्रेश्वर मंदिर
- हुकुमचंद मिल, वर्ष 90

मिल २४ साल से बंद है, लेकिन परंपरा को जिंदा रखा है। इस साल तीन की जगह दो
ही झांकियां बनाई है। पहली झांकी नागपंचमी पूजन की है। इसके पहले भाग में
महिलाएं बांबी पूजन करती दिखाई गई है। उज्जैन का प्रसिद्ध नागचंद्रेश्वर
मंदिर झांकी के दूसरे भाग में दर्शाया है। झांकी कलाकार : दिनेश रामरतन
शर्मा और कलामूर्ति आर्ट्स, विद्युत सज्जा : प्रकाशचंद देवांग, रमेश
देवांग, दिनेश देवांग, दीपक बोकरे, गणेश लाइट, रंग कला : अशोक जोशी व वर्मा
आटर््स, काष्ठकला : लखनलाल यादव, धर्मेंद्र रायपुरिया, मूर्ति कला : विजय
कुशवाह, वेशभूषा : पूर्णिमा शर्मा, वैष्णवी शर्मा।


गणेश प्रतिमा, ब्रज की होली, ज्योतिलिंग के दर्शन - मालवा मिल, वर्ष 81

तीन झांकियां बनाई है। पहली झांकी गणेश महिमा की है, जिसमें उनके वाहन मूषकराज मंडली के साथ झांझ मंजीरों से कीर्तन कर रहे हैं। दूसरी झांकी में ब्रज-बरसाने की होली का चित्रण किया है। भगवान श्रीकृष्ण गोपियों के साथ होली खेल रहे हैं। तीसरी झांकी १२ ज्योतिर्लिंग के दर्शन करवाएगी। मूर्ति कलाकार : मनोज कुशवाह, जितेंद्र कुशवाह, मूर्तिकार : कुलदीप कुशवाह, रितेश, लालू लाहोरिया, कारपेंटर : दिनेश रघुवंशी, कालूराम विश्वकर्मा, अनिल यादव, पेंटिंग : मोनू वर्मा, वेशभूषा : जितेंद्र डेकोरेटर्स, विद्युत सज्जा : कैलाश देवांग, प्रकाश देवांग, अंकित देवांग, रोशन संतोषी।


गणेश महिमा, ब्रज की होली, ज्योतिर्लिंग के दर्शन


तीन झांकियां बनाई है। पहली झांकी गणेश महिमा की है, जिसमें उनके वाहन मूषकराज मंडली के साथ झांझ मंजीरों से कीर्तन कर रहे हैं। दूसरी झांकी में ब्रज-बरसाने की होली का चित्रण किया है। भगवान श्रीकृष्ण गोपियों के साथ होली खेल रहे हैं। तीसरी झांकी १२ ज्योतिर्लिंग के दर्शन करवाएगी। मूर्ति कलाकार : मनोज कुशवाह, जितेंद्र कुशवाह, मूर्तिकार : कुलदीप कुशवाह, रितेश, लालू लाहोरिया, कारपेंटर : दिनेश रघुवंशी, कालूराम विश्वकर्मा, अनिल यादव, पेंटिंग : मोनू वर्मा, वेशभूषा : जितेंद्र डेकोरेटर्स, विद्युत सज्जा : कैलाश देवांग, प्रकाश देवांग, अंकित देवांग, रोशन संतोषी।



कलाम को सलाम और राधा-कृष्ण की रासलीला - स्वदेशी मिल, वर्ष 85

मिल ने इस बार दो झांकियां बनाई है। पहली झांकी में एपीजे अब्दुल कलाम को मिसाइल के जरिए याद किया गया है। उनका समाधिस्थल भी दिखाया है, जिस पर देश के प्रधानमंत्री मोदी, सोनिया गांधी आदि नेता पुष्प चढ़ा रहे हैं। दूसरी झांकी में राधा-कृष्ण की रासलीला का चित्रण किया है। झांकी कलाकार : रामचंद्र हनुमंत, नितिन रूपेश हनुमंत, विद्युत सज्जा : अमृत वर्मा, राजकुमार मोहने, गणपत राठौर, ओम बाबा, बिट्टू राठौर, आजाद वर्मा, मूर्तिकार : पंकज, नवीन हनुमंत, पेंटर : चंदू गेहलोत, विष्णु राम, तकनीकी कलाकार : सुरेश मुछाल, जमनालाल, हेमराज, नरेंद्र।



गणेश मूषक युद्ध और गंगा का अवतरण - भंडारी मिल, वर्ष 66

मिल ने दो झांकी बनाई है। पहली झांकी भगवान गणेश और उनके वाहन मूषक के बीच हुए घनघोर युद्ध की है। इसमेंं गणेशजी को मूषक को पराजित कर माता-पिता शंकर-पार्वती के पास ले जाते हुए दिखाया है। ये भी बताया है, कैसे मूषकराज बप्पा की सवारी बने। दूसरी झांकी मां गंगा के धरती पर अवतरण पर आधारित है। इसमें गंगा को धरती पर आते और शिव की जटा में समाते हुए दिखाया है। राजा भागीरथ, ब्रम्हा आदि के साथ पूरा प्रसंग जीवित किया है।

झांकी कलाकार : अनवर अली , विद्युत सज्जा : साहू इलेक्ट्रिकल्स, लवकेश साहू, पवन साहू, बैंड : मदनलाल गोरले, हरीश-रोहित गोरले और श्याम बैंड।


बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ और शिव विवाह - कल्याण मिल, वर्ष 83

मिल ने दो झांकियां बनाई है। दूसरी झांकी के दो हिस्से बनाए हैं। पहली झांकी में शिव विवाह प्रसंग रचा है, जिसमें देवता फूल बरसा रहे हैं। दूसरी झांकी बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ और उन्हें चांद की ऊंचाइयां छूने दो स्लोगन के साथ बेटियों पर केंद्रित की है। इसका दूसरा हिस्सा मध्ययुग की मानसिकता पर है, जिसमें कलाकारों के हाथ काट देते थे। झांकी कलाकार : पं. दिनेश शर्मा, काष्ठकला : लखनलाल यादव, धर्मेंद्र रायपुरिया, पेटिंग कला : संदीप वर्मा, दिपेश वर्मा, गोरधन कुशवाह, शरद कुशवाह, सहयोगी : नारायण वर्मा, लालू चौधरी, नाना मिस्त्री, विद्युत सज्जा : गणेश लाइट डेकोरेटर्स, कारपेंटर : सुनील वर्मा, गणेश कुशवाह, साज-सज्जा : अभिजीत कुशवाह, मूर्ति : शरद कुशवाह।


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