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बस वालों के आगे बे-बस : जहां सवारी, वहीं बस रुकी

चालकों ने जगह-जगह बना लिए बस स्टॉप, हजारों लोग परेशानराजीव गांधी चौराहा से लेकर आईटी पार्क, तीन इमली तक एक जैसे हालसवारियों के लिए सड़क पर खड़ी रहती हैं बसें, होता ट्रैफिक जाम परिवहन विभाग व यातायात विभाग की अनदेखी

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बस वालों के आगे बे-बस : जहां सवारी, वहीं बस रुकी

इंदौर।

शहर में इन दिनों बस संचालकों की मनमानी से यातायात का दम फूल रहा है। जहां सवारी मिली नहीं, ड्राइवर- कंडक्टर बस के पहिए थाम देते हैं। बीच सड़क हो या चौराहा पर अघोषित ट्रांजिट पॉइंट। चाहे बसों के पीछे वाहनों की लंबी कतार लग जाए, इन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता। शहर से बाहर चलने वाली बसें हो या शहर के अंदर चल रही सिटी बसें, सब के यही हाल हैं। जिम्मेदारों के ध्यान नहीं देने से रोज हजारों लोग परेशान हो रहे हैं। खंडवा, बड़वाह, सनावद, नेमावर, हरदा, होशंगाबाद, धार, धामनोद, झाबुआ या उज्जैन देवास रूट भी बस वाले मनमानी करते नजर आते हैं।

दरअसल, प्रशासन ने शहर में अलग-अलग दिशा में बस स्टैंड बनाए हैं। इसके अलावा कुछ चुनिंदा स्थानों पर यात्रियों की सुविधा के लिए ट्रांजिट पाइंट हैं। इसके बाद भी ड्राइवर व कंडक्टरों ने शहर में मर्जी से जगहजगह अघोषित बस स्टॉप बना लिए हैं। इनके कारण शहर की सड़कों पर आए दिन जाम की स्थिति बन रही है। परिवहन विभाग व यातायात विभाग की अनदेखी के कारण बस ऑपरेटरों की मनमानी चल रही है। वैसे तो प्रशासन ने लाखों रुपए खर्च कर सरवटे बस स्टैंड को नया स्वरूप दिया है। इसके साथ गंगवाल व नवलखा बस स्टैंड से हर दिन हजारों की संख्या में बसें अलग-अलग शहरों व राज्यों के लिए रवाना होती हैं। इन बस संचालकों ने अपने-अपने हिसाब से शहर के अंदर और रिंग रोड पर बस स्टैंड बना लिए हैं। इन अघोषित बस स्टैंड पर यात्रियों के लिए कोई सुविधा हो या ना हो, बस मालिकों को मोटी कमाई की चिंता रहती है।

आईटी पार्क व चोइथराम मंडी चौराहा

इंदौर से हर दिन हजार से अधिक बसें रवाना होती हैं। देखा जाए तो नवलखा चौराहा, तीन इमली बस स्टैंड से रवाना होने के बाद बसें आईटी पार्क व चोइथराम मंडी चौराहा पर सवारी के लिए खड़ी हो जाती हैं, जब तक कि पीछे से अन्य बस न आ जाए। जानकारी के अनुसार आईटी पार्क चौराहा और चोइथराम मंडी को ट्रांजिट पॉइंट नहीं बनाया गया है, इसके बावजूद बसें यहां खड़ी होती हैं।

लगे जाम, नहीं पड़ता फर्क

चोइथराम मंडी चौराहा और आईटी पार्क चौराहा पर हर दिन सुबह-शाम ट्रैफिख जाम का सिलसिला शुरू हो जाता है। कहने के लिए यहां पुलिस का पॉइंट है और बैरिकेड्स भी लगे हैं, लेकिन पुलिस मुंहदिखाई की रस्म अदा करती नजर आती है। आईटीआई चौराहा से बसें खंडवा की ओर चोइथराम मंडी चौराहा से धामनोद की ओर रवाना होती हैं। यहां बसों के खड़े होने से जाम लग जाता है। कई बार दूसरी ओर से आने वाले वाहन भी नहीं निकल पाते।

तीन इमली पर हाल बेहाल

प्रशासन ने सिंहस्थ के समय नवलखा बस स्टैंड को तीन इमली पर शिफ्ट किया था, लेकिन भोपाल, शाजापुर आदि रूट की ओर चलने वाली बसें तीन इमली से अभी भी चल रही हैं। इतना ही नहीं, नवलखा से हरदा, नेमावर, होशंगाबाद, बैतूल के लिए जाने वाली बसें तीन इमली चौराहा पर सवारियों के लिए खड़ी रहती हैं। ब्रिज के पास ही खड़ी होने से सबसे अधिक स्थिति बिगड़ जाती है। एक और बसें खड़ी हो जाती हैं, दूसरी और रिक्शावाले सड़क घेरे खड़े रहते हैं। ये बसें तीन इमली बस स्टैंड के अंदर भी नहीं जाती, चौराहे से ही सवारियां बैठाती हैं। चौराहा शाम के वक्त सबसे अधिक अस्त-व्यस्त रहता है। वाहन चालक गुत्थमगुत्था होते रहते हैं।

सिटी बसों की स्थिति और खराब

शहर के अंदर का यातायात बिगाडऩे में किसी जमाने में टे्पो, नगर सेवा आदि शामिल रहते थे, लेकिन इन्हें बाहर कर मैजिक वैन आदि ने स्थान ले लिया। यातायात सुधारने को सिटी बसें लाई गईं, लेकिन बीआरटीएस कॉरिडोर को छोड़ दें तो शहर में अंध गति से दौडऩे वाली सिटी बसें भी यातायात बिगाडऩे में कोई कसर नहीं छोड़ रहीं। खंडवा रोड पर सड़क का काम चल रहा है, इसके बाद भी बसें सवारी के लिए आधी सड़क घेर कर खड़ी रहती हैं। विजय नगर से लेकर चंदन नगर या फिर खजराना से लेकर राजबाड़ा होते हुए धार रोड तक यही हाल हैं। बसों के पीछे जाम लग जाता है, वाहन चालक परेशान होते रहते हैं।