
मध्यप्रदेश में वन विभाग ने हर साल की तरह इस बार भी टेसू के फूलों का हर्बल गुलाल और रंग बेचना शुरू कर दिया है। इंदौर के नवरतनबाग स्थित वनमंडल कार्यालय परिसर में जंगल से टेसू के फूलों को इकट्ठा कर के बनाए गए हर्बल कलर की वन विभाग ने बिक्री शुरू कर दी। इंदौर, चोरल, महू औऱ मानपुर के जंगलों से फूलों को इकट्ठा किया गया है। यह सारा काम वन समितियों के जरिए किया गया। अधिकारियों के मुताबिक शुक्रवार से तीन और रंगों में कलर लोगों को दिए जाने लगे हैं। लगभग 200 किलो रंग फूलों से तैयार किया गया है। 2018 से ही वन विभाग हर्बल कलर बनाने में लगा है।
40 रुपये प्रति पैकेट मिल रहा हर्बल कलर
बुधवार शाम को हर्बल कलर इंदौर वनमंडल कार्यालय में पहुंचे हैं और गुरुवार से समिति के माध्यम से स्टाल लगाया जा रहा है। सोमवार तक शहरवासियों के लिए हर्बल गुलाल उपलब्ध रहेंगे। जिसकी कीमत 40 रुपये प्रति पैकेट रखी गई है। पांच रंग में हर्बल कलर तैयार किए गए हैं।
बाजारों में जो कलर मिलते हैं वो केमिकल युक्त होते हैं जो हमारे स्किन को काफी नुकसान पहुंचाते हैं। इसी को लेकर वन विभाग हर साल होली पर हर्बल गुलाल बनाते हैं और उसको प्रमोट करता है। वन विभाग द्वारा लगाए गए स्टॉल को अच्छा रेस्पॉन्स मिल रहा है। बड़ी संख्या में लोग हर्बल गुलाल को लेने के लिए पहुंच रहे है।
टेसू के फूल से बने रंग और गुलाल की लगातार डिमांड बढ़ने के कारण वन विभाग ने इसे तैयार करने की प्रोसेसिंग यूनिट भी स्थापित की है। जिसके लिए 15 दिनों से पेड़ों से गिरने वाले फूल को एकत्र किया जा रहा था। टेसू के रंगों से चेहरे को कोई भी नुकसान नहीं होता है। ये प्राकृतिक रूप से शुद्ध और त्वचा के लिए किसी भी प्रकार की हानि से बचाने वाला भी है।
Published on:
22 Mar 2024 05:50 pm
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