
If low marks in class 12th then you will not get job in big companies
MP News : इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश के लिए जेईई परीक्षा मुख्य आधार है। इसमें सफलता के लिए विद्यार्थी 11वीं से ही जेईई(JEE Exam) की तैयारी कर रहे हैं। वे पूरा ध्यान लगाकर एंट्रेंस एग्जाम क्लीयर कर रहे हैं। लेकिन 12वीं(Class 12th marks) परीक्षा पर फोकस न होने से वे बोर्ड में अच्छे अंक नहीं ला पा रहे। इंजीनियरिंग कॉलेजों में 4 साल (1500 दिन) की मेहनत के बाद वे प्लेसमेंट में शामिल होते हैं, तब अंकों का खेल पता चलता है।
प्लेसमेंट(Placement) में कंपनियां इंजीनियरिंग की डिग्री के साथ 12वीं के अंकों को भी प्राथमिकता देती है। कम अंक होने पर छात्रों को प्लेसमेंट में प्राथमिकता नहीं देतीं। इससे उन्हें टॉप कंपनियों में नौकरी नहीं मिलती। कई कंपनियों की भर्ती(Job Hiring) शर्तों में स्पष्ट लिखा है कि अभ्यर्थी के 12वीं में 75% अंक होने ही चाहिए।
विद्यार्थियों में गलत धारणा है कि जेईई (JEE Exam)व डिग्री में अच्छा स्कोर ही उज्जवल भविष्य देगा। 12वीं के कमजोर अंक कॅरियर में रुकावट बन सकते हैं। सरकार को प्रवेश प्रक्रिया में 12वीं के अंकों का वेटेज शामिल करना होगा। इससे छात्र जेईई और 12वीं में भी अच्छा करने पर फोकस कर सकेंगे। - प्रो. विवेक तिवारीप्रोफेसर, एसजीएसआइटीएस
निरंतरता की जांच: कंपनियां उन अभ्यर्थियों को प्राथमिकता देती है, जिनका अकादमिक रिकॉर्ड लगातार अच्छा रहा है।
मजबूत फंडामेंटल: 12वीं के अच्छे अंक यह दर्शाते हैं कि विद्यार्थी की बेसिक नॉलेज मजबूत है।
फिल्टरिंग प्रोसेस: कई प्रतिष्ठित कंपनियां हजारों आवेदकों में से योग्य को चुनने के लिए 12वीं के अंकों को प्राथमिकता देती हैं।
बड़ी कंपनियों से नहीं आए इंटरव्यू कॉल : अर्जुन मेहता को जेईई(JEE Exam) में 99 परसेंटाइल मिले। 87% अंकों के साथ बीटेक किया। प्लेसमेंट(Placement) के लिए कंपनी ने 12वीं 70% अंक मांगे, अर्जुन को 56% ही थे। नौकरी(Job Hiring) नहीं मिली।
विदेशी यूनिवर्सिटी ने नहीं दिया प्रवेश : अनन्या सिंह ने एसजीएसआइटीएस से कम्प्यूटर साइंस में डिग्री ली। अमरीकी विवि में मास्टर्स के लिए आवेदन दिया। 12वीं में 59% अंक थे, विवि ने आवेदन खारिज कर दिया।
Published on:
06 Mar 2025 11:06 am
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