स्टूडेंट्स के साथ वर्किंग प्रोफेशनल्स भी ये कोर्स करने में दिलचस्पी दिखाते हैं....
इंदौर। कॉलेज-यूनिवर्सिटी से हासिल डिग्री की बदौलत नौकरी या बिजनेस करने वाले अब शॉर्ट टर्म कोर्सेस में भी हाथ आजमा रहे हैं। ये कोर्सेस उन्हें मौजूदा चुनौतियों से निपटने में तो मदद करते हैं, बल्कि लॉन्ग टर्म प्रॉफिट दिलाने में भी योगदान दे रहे हैं। ऐसे कोर्सेस की बढ़ती डिमांड को देखते हुए यूनिवर्सिटी सहित अन्य निजी और सरकारी संस्थान अलग-अलग डिप्लोमा और सर्टिफिकेट प्रोग्राम्स चला रहे हैं।
तेजी से बढ़ा क्रेज
कोविड के बाद शॉर्ट टर्म कोर्सेस करने का क्रेज तेजी से बढ़ा है। इसकी वजह प्रोफेशनल ग्रोथ हासिल करने के लिए परफेक्शन की चाह है। शॉर्ट टर्म कोर्सेस के जरिए मार्केटिंग, ग्राफिक डिजाइन, फोटोग्राफी की बारीकियां कुछ महीनों के कोर्स में सीखना संभव हो पा रहा है। डीएवीवी में भी 21 शॉर्ट टर्म कोर्सेस चलाए जा रहे हैं। इनमें से 6 कोर्स सिर्फ दीनदयाल उपाध्याय कौशल केंद्र के बैनर तले चल रहे हैं। इन दिनों फोटोग्राफी, इंटीरियर डिजाइनिंग से लेकर इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट, लॉजिस्टिक सप्लाय, डिजिटल मार्केटिंग, न्यूट्रिशन एंड डायटीटिक्स जैसे कोर्स ट्रेंड में हैं।
उम्र और योग्यता का बंधन नहीं
डीएवीवी के ईएमआरसी विभाग के एचओडी डॉ. चंदन गुप्ता बताते हैं, पहले शॉर्ट टर्म कोर्सेस में सिर्फ कम्प्यूटर, प्रोग्रामिंग जैसे टेक्निकल कोर्स ही चलन में थे। अब शॉर्ट टर्म कोर्सेस के लिए कई विकल्प हैं। खास बात यह है कि इन कोर्स के लिए उम्र या फिर न्यूनतम योग्यता के बंधन नहीं होते। इस कारण स्टूडेंट्स के साथ वर्किंग प्रोफेशनल्स भी ये कोर्स करने में दिलचस्पी दिखाते हैं।
2 माह से एक साल तक के कोर्स
डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्सेस की अवधि भी अलग-अलग है। ज्यादातर सर्टिफिकेट कोर्स 2 से 6 माह के हैं, जबकि डिप्लोमा कोर्सेस की अवध़ि 1 से 2 साल तक की है। कुछ कोर्सेस ऑनलाइन मोड पर भी उपलब्ध हैं। ये कोर्स उन विद्यार्थियों के लिए है, जो काम के सिलसिले में नियमित कक्षाएं अटैंड नहीं कर पाते।