इंदौर देश का पहला ऐसा शहर है, जहां आइआइएम व आइआइटी दोनों हैं। चार साल से स्वच्छता में देश का सिरमौर बना हुआ इंदौर अब स्थानीय प्रशासन की कार्यप्रणाली और स्मार्ट सिटी विकास के लिए भी पहचान बनाने का प्रयास कर रहा है। इसके लिए शीर्ष संस्थानों के डवलपमेंट विजन का लाभ शहर को पहुंचाने के लिए आइआइएम ने पहल की है। आइआइएम निदेशक हिमांशु राय, नगर निगम आयुक्त प्रतिभा पाल और अपर आयुक्त संदीप सोनी के बीच चर्चा के बाद एमओयू को अंतिम रूप दिया गया। आयुक्त प्रतिभा पाल के अनुसार, आइआइएम दो बातों में सहभागी बनेगा।
पहला इंदौर मॉडल की पहचान स्थापित करना और दूसरा नगर निगम की क्षमताओं को विकसित करना। संस्थाओं के बीच आपसी सहयोग के लिए यह करार किया है। इसके लिए प्रबंधकीय व तकनीकी नवाचार और नए आइडिया साझा करेगा।
इन बिंदुओं पर होगा काम
– स्थानीय प्रशासन और स्मार्ट सिटी के कार्यों को और अच्छे तरीके से करने के लिए अनुभव, विचार साझा करेंगे।
– ठोस कचरा प्रबंधन पर विकास मॉड्यूल तैयार करेंगे, जिससे स्वच्छता प्रबंधन को दूसरे शहरों को बताया जा सके।
– कार्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के तहत कार्यों के लिए फंड बढ़ाने में आइआइएम सहयोग करेगा।
– आइआइएम निगम की नवाचार गतिविधियों के प्रभाव का अध्ययन करेगा और बेहतरी के लिए योजना बनाएगा।
– स्मार्ट सिटी विकास के लिए कार्यशाला, शोध कार्यक्रम, सेमिनार आदि दोनों मिलकर करेंगे। देश-दुनिया के अच्छे आइडियाज को शहर विकास में शामिल करेंगे।
– नगर निगम की कार्यप्रणाली में आइटी के आधुनिक प्रयोगों को लागू करने में सहयोग करेंगे।
– निगम के संसाधन व आर्थिक स्रोतों को प्रबंधन की रूपरेखा बनाएंगे।