
‘माल बेचने वाला अपनी इनवाइस लोड नहीं करेगा तो खरीदार को नहीं मिलेगा आइटीसी का लाभ’
इंदौर . इंदौर सीए शाखा व टैक्स प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन इंदौर के संयुक्त तत्वावधान में बजट विश्लेषण के लिए गुरुवार को सेमिनार रखा। वक्ताओं ने बजट के विविध बिंदुओं पर बारीकी से प्रकाश डाला। सीए कृष्ण गर्ग ने बताया, बजट में जीएसटी में आइटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) को लेकर बड़ा बदलाव है। अब तक कारोबारियों को उनके जीएसटीआर 2 बी में जितनी आइटीसी दिख रही थी, वह उसका वह पांच फीसदी तक ज्यादा ले सकते थे लेकिन अब इसे खत्म कर दिया है। माल बेचने वाला अपनी इनवाइस को लोड नहीं करेगा तो खरीदार को आइटीसी का लाभ नहीं मिलेगा। जीएसटीआर 2बी में जितनी जितनी आइटीसी दिखेगी, उतनी ही वे इस्तेमाल कर सकेंगे। टीपीए प्रेसीडेंट सीए मनोज गुप्ता ने इनकम टैक्स के बदलावों पर चर्चा की। संचालन शाखा सचिव सीए गौरव माहेश्वरी ने किया। कार्यक्रम में स्वागत भाषण इंदौर सीए शाखा अध्यक्ष सीए हर्ष फिरोदा ने दिया। संचालन शाखा सचिव सीए गौरव माहेश्वरी ने किया। कार्यक्रम में सीए कीर्ति जोशी, सीए पंकज शाह, सीए समकित भंडारी, सीए आनंद जैन, सीए जेपी सराफ, सीए अभय शर्मा आदि उपस्थित थे।
जीएसटी
इंदौर सीए शाखा अध्यक्ष सीए हर्ष फिरोदा ने कहा कि जीएसटी में भले ही ऑडिट हटा दिया गया है परंतु वार्षिक रिटर्न व रिकंसिलेशन की जवाबदारी रहेगी। वर्ष 2019-20 का जीएसटी ऑडिट फाइल करने की अंतिम तिथि 28 फरवरी है।
पीएफ व ईएसआइसी
मुख्य वक्ता सीए मनीष डफरिया ने बताया, अब व्यापारियों को कमचारियों अनुदान के पीएफ व ईएसआइसी की राशि मासिक रूप से देय तिथि के पूर्व जमा करना होगी। एक दिन भी देरी होने पर कर्मचरियों की अनुदान राशि को व्यापारी की आय में जोड़ा जाएगा व खर्चे की छूट नहीं मिलेगी।
पार्टनरशिप फर्म
फर्म के डिजॉल्व होने या पुनर्गठन पर किसी भी प्रकार की पूंजीगत सम्पति है और पार्टनर उसे या नकद लेकर फर्म से बाहर हो जाता है तो नकद व उस संपत्ति के बाजार मूल्य को जोडऩे के बाद पार्टनर की व्यापार में लगी पूंजी से घटाने के बाद आधिक्य राशि पर पार्टनरशिप फर्म को कैपिटल गेन टैक्स देना होगा।
Published on:
05 Feb 2021 05:39 pm
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