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इंदौर के नए कलेक्टर का पब्लिक कनेक्शन कर देगा हैरान, पहले तबादले पर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने लगे थे लोग

2009 बैच के आईएएस अफसर इलैया राजा जहां भी रहे, उनका पब्लिक के साथ कनेक्शन किसी से छिपा नहीं है। भिंड हो या रीवा, उन्हें हटाए जाने पर पब्लिक में गहमागहमी हो जाती थी। जब वे पहली बार कलेक्टर बनकर भिंड पहुंचे इलैया राजा टी ने यहां हड़कंप मचा दिया था।

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इंदौर। आज से इंदौर शहर का जिम्मा नए कलेक्टर इलैया राजा टी को सौंप दिया गया। आज से ही उनकी ज्वॉइनिंग भी शुरू हो गई। आपको बता दें कि जबलपुर से उनका तबादला कर उन्हें यहां भेजा गया है। 2009 बैच के आईएएस अफसर इलैया राजा जहां भी रहे, उनका पब्लिक के साथ कनेक्शन किसी से छिपा नहीं है। भिंड हो या रीवा, उन्हें हटाए जाने पर पब्लिक में गहमागहमी हो जाती थी। जब वे पहली बार कलेक्टर बनकर भिंड पहुंचे इलैया राजा टी ने यहां हड़कंप मचा दिया था। स्थिति यह हुई कि यहां उनके एक एक्शन के बाद दसवीं और बारहवीं के 85 फीसदी बच्चे फेल हो गए थे। जानें इंदौर के इस नए कलेक्टर ने कैसे पहली बार में पास कर ली थी यूपीएससी की परीक्षा?

किसान मां-बाप के बेटे हैं नए कलेक्टर
इलैयाराजा तमिलनाडु के रहने वाले हैं। 5 अप्रैल 1984 को उनका जन्म ईरोड जिले में हुआ था। चेन्नई से 400 किलोमीटर दूर स्थित ईरोड जिला हल्दी के लिए प्रसिद्ध है। उनके पिता किसान हैं। वे पुश्तैनी जमीन पर खेती करते आ रहे हैं। मां हाउस वाइफ हैं और खेती-किसानी में हाथ भी बंटाती हैं।

पहले ही अटैम्ट में पास कर ली थी यूपीएससी की परीक्षा
2009 बैच के आईएएस इलैया राजा टी ने पहले ही अटैम्प्ट में यूपीएससी परीक्षा क्लीयर कर ली थी। जब कैडर की पॉजिशनिंग हुई तो उन्हें एमपी दे दिया गया। पूरी तरह से हिंदी भाषा वाले राज्य में जाना उनके लिए किसी मुश्किल से कम नहीं था। तमिल होने के कारण उन्हें हिन्दी आती ही नहीं थी। लेकिन, उन्होंने मसूरी के ट्रेनिंग सेंटर में ही हिंदी सीख ली। आज वे इतनी फर्राटेदार हिंदी बोलते हैं कि उनके बोलने पर शायद ही कोई पता लगा सके कि वे तमिल बैकग्राउंड के हैं। पहले विंध्य फिर महाकौशल के बाद अब मालवा में यह उनकी पहली पोस्टिंग हैं।

पहली बार लिया ऐसा एक्शन कि 85 फीसदी बच्चे हो गए थे फेल
पहली बार कलेक्टर के तौर पर इलैया राजा टी को भिंड भेजा गया था। यहां उन्होंने ऐसा एक्शन लिया कि एक माफिया को यहां से भागना पड़ा। दरअसल चंबल का यह जिला पूरे देश में बिहार के बाद नकल के लिए सबसे बदनाम रहा है। यहां गिरोह बनाकर नकल कराई जाती थी। जो देश के किसी भी परीक्षा बोर्ड में दसवीं, बारहवीं, बीएड, डीएड, नर्सिंग में सफल नहीं हो पाता था, उसे यहां पास करवा दिया जाता था। कलेक्टर ने परीक्षा केंद्रों में पहली बार सीसीटीवी कैमरे लगवा दिए। नतीजा यह रहा कि दसवीं में 2015-16 में 15.5 फीसदी और बारहवीं में केवल 13 फीसदी बच्चे ही पास हो पाए। यह परिस्थितियां देख नकल माफिया को भिंड छोडऩा पड़ा। इतनी सख्ती कर दी कि अगले साल भिंड में परीक्षा फॉर्म भरने वाले छात्र आधे ही रह गए। वे सब मुरैना शिफ्ट हो गए थे।

भिंड से तबादला हुआ तो सड़क पर उतर आए थे लोग
कलेक्टर इलैया राजा जब भिंड में पोस्टिंग के के दौरान लोगों से इतना जुड़ गए थे कि जब उनका तबादला हुआ तो पब्लिक सरकार के फैसले के विरोध में उतर आई थी। सड़क पर प्रदर्शन भी किया गया। इसी तरह रीवा में में भी हुआ दिलचस्प वाकया हुआ था। जब वहां से उनका तबादला किया गया तो एक व्यक्ति ने तबादले के खिलाफ सीएम हेल्पलाइन पर कॉल कर इसकी शिकायत कर दी थी। यही नहीं उनके तबादले के बाद लोगों ने सोशल मीडिया पर सरकार से अपील के मैसेज चलने लगे थे। किसी ने कहा उन्हें वापस रीवा भेजो, किसी ने कहा कि रीवा में ही रहने दीजिए। तो किसी ने कहा कि सरकार हमारी बात जरूर सुनेगी...हमें हमारे कलेक्टर के वापस आने का इंतजार करेंगे।