देवास में किराए से रहते, सुबह इंदौर आकर चोरी कर हो जाते गायब, तमिलनाडू में खपाते थे माल
इंदौर। शहर में छात्रों के रूम, हॉस्टल, फ्लैट से लैपटॉप, मोबाइल उड़ाने वाली अंतरराज्यीय गैंग को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है। गैंग तमिलनाडू से आकर जयपुर, इंदौर में वारदात को अंजाम देती थी। एडिशनल डीसीपी राजेश दण्डोतिया के मुताबिक छात्रों के कमरों, हॉस्टल, फ्लैट से सुबह के वक्त मोबाइल, लैपटॉप चोरी हो रहे हैं।
केस की जांच के बाद टीम ने तीन संदिग्ध को पकड़ा। सभी ने अपना नाम आरोपी वी शक्तिवेल (23) पिता व्यंकटेश, वी संतोष (19) पिता वेंकटेश, विजय उर्फ वेटरी (21) पिता गोविन्दम सभी निवासी वेल्लूर, तमिलनाडू बताया है। लैंग्वेज एक्सपर्ट की मदद से आरोपियों से बात की है। जांच में आरोपियों से तीन मोबाइल मिले हैं। इसे संयोगितागंज, एमआइजी थाना क्षेत्र, अरबिंदो हॉस्पिटल से चोरी करना बताया है।
सुबह छात्र सोते तब करते वारदात
आरोपियों ने बताया, वे विकास नगर देवास में किराए से रहते हैं। सुबह के वक्त छात्र गहरी नींद में रहते हैं, इसलिए बस से आकर मौका देख मोबाइल, लैपटॉप चोरी कर भाग जाते। आरोपियों से जब्त मोबाइल में लैपटॉप संबंधित फोटो मिले हैं।
15 दिन में तमिलनाडू लौट जाते
आरोपियों ने बताया कि वारदात के बाद सभी देवास चले जाते। वहां से 10 से 15 दिन के अंदर वैल्लूर, तमिलनाडू चले जाते। चोरी का सामान वहां मांजा कुमार निवासी पेरनांपट, पल्लूर को देते। उन्होंने चोरी का सामान एसएनआर कुमार, यूआरपी निवासी ग्राम मादनूर, तिरूपत्तुर को भी देना बताया। गैंग का सरगना वी शिवकुमार है जो तमिलनाडू में रहता है। वहीं उनको शहर में लाकर वारदात कराता। बाद में चोरी के मोबाइल, लैपटॉप को बेच देता।
आरोपियों ने बताया कि उनके टारगेट पर इंदौर-जयपुर रहता है। सभी ने एमआइजी थाना क्षेत्र की एक और संयोगितागंज की दो चोरी कबूली है। आरोपियों को रिमांड पर लेकर उनसे जुड़े साथियों के संबंध में जानकारी जुटा रहे हैं।