
बंगाल से छुट्टी, दो नंबर में कूदे कैलाश
इंदौर. बंगाल विधानसभा चुनाव में भाजपा को अपेक्षित जीत नहीं मिली। इसके बाद बंगाल भाजपा नेतृत्व में परिवर्तन किया गया था, लेकिन केंद्रीय प्रभारी के रूप में कैलाश विजयवर्गीय बने हुए थे। अब भाजपा केंद्रीय नेतृत्व ने विजयवर्गीय को बंगाल इकाई के केंद्रीय प्रभारी से हटा दिया है। इसके बाद वे अपने गृह क्षेत्र दो नंबर विधानसभा में कूद गए हैं। नंदानगर के बूथ सहित चार वार्ड हारने के बाद से वे सकते में हैं। पार्षदों की एक गोपनीय बैठक बुलाकर उन्होंने ऐलान कर दिया है कि अब वे ध्यान देंगे। हालांकि पर्दे के पीछे की कहानी कुछ और बयां कर रही है।
दो नंबर विधानसभा को भाजपा का किला माना जाता है, जिसमें नगर निगम चुनाव में सेंध लग गई। पहली बार चार वार्डों में भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा तो सभापति मुन्नालाल यादव का नंदानगर वार्ड हारते-हारते बच गए। इसको लेकर विधायक रमेश मेंदोला के माथे पर शिकन आ गई तो कई नेता सकते में हैं कि कहीं जड़ तो हिल नहीं रही। इस बीच रविवार को दो नंबर की राजनीति में बड़ा घटनाक्रम हो गया। विदेश से लौटने के बाद कैलाश ने क्षेत्र के पार्षदों व हारे हुए प्रत्याशियों की एक गोपनीय बैठक बुलाई थी। सभी को दोपहर 12 बजे पितृ पर्वत पर पहुंचने के निर्देश दिए गए थे। 12.30 बजे करीब बैठक शुरू हुई, जिसमें कैलाश के साथ विधायक रमेश मेंदोला भी थे।
नंदानगर में वोट कम क्यों?
चर्चा के दौरान कैलाश ने कहा कि हम चार वार्ड हार गए, ये कैसे हो गया? ये चिंता का विषय है। हमको मिलकर ध्यान देना पड़ेगा। क्षेत्र को हमने कड़ी मेहनत करके मजबूत बनाया है। नंदानगर से कम वोट मिल रहे हैं, ये आश्चर्य की बात है। आखिर में कैलाश का कहना था कि अब मैं दो नंबर विधानसभा पर ध्यान दूंगा। आप लोगों को भी पूरी ताकत से काम करना है। जनता के बीच रहकर विश्वास बनाए रखना है। सभी को क्षेत्र पर गौर करने की आवश्यकता है। जो हो गया, सो हो गया। अब सब सुधारना है।
जमकर बिफरे पार्षद
सभी पार्षदों से अपने-अपने क्षेत्र की जानकारी ली तो हारे हुए पार्षदों से कारण समझने का प्रयास किया। इस पर वार्ड-23 से गुड्डा यादव ने खुलकर कहा कि मेरे वार्ड में अपने ही लोग खुलकर विरोधियों का काम कर रहे थे, जिसकी वजह से कांग्रेस प्रत्याशी सुनिता मौर्य चुनाव जीत गईं। हमें तो अपनों ने ही लूट लिया। यादव ने खुलकर पूर्व पार्षद राजकपूर सुनहरे का नाम भी लिया। इसके बाद दूसरे पार्षद भी बोलने के लिए तैयार थे लेकिन कैलाश ताड़ गए। उन्होंने कहीं जाने का हवाला देकर बैठक को जल्द ही खत्म कर दिया।
वापसी के संकेत
महापौर पुष्यमित्र भार्गव की परिषद के गठन के समय न्यूज टुडे ने खुलासा किया था कि कैलाश दो नंबर में वापसी चाहते हैं। चाहे वे खुद लड़ें या अपने बेटे आकाश विजयवर्गीय को तीन नंबर से यहां लाएं। इस वजह से वे जमीन तैयार कर रहे हैं, जिसके चलते वे एमआईसी में राजेंद्र राठौर और पूजा पाटीदार को बनाना चाहते हैं। कैलाश के दो नंबर क्षेत्र की चिंता करने से ये बात सिद्ध भी हो रही है। उस पर सवाल भी खड़े हो रहे हैं कि कांग्रेस तो पिछले चुनाव में भी जीती थी तो चिंता इस बार ज्यादा क्यों है? खैर ये बात भी सच है कि नंदानगर के बूथों पर हालत खस्ता पहली बार हुई है।
Published on:
22 Aug 2022 11:12 am
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