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मित्र की मदद करो लेकिन कभी उसको उजागर मत होने दो

  - गुमाश्तानगर में धूमधाम से मना रुक्मिणी विवाह, बधाई गीत के साथ मना उत्सव  

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krishna sudama milan and bhagvat news

मित्र की मदद करो लेकिन कभी उसको उजागर मत होने दो

इंदौर। सुदामा को आजकल के कवि-लेखक विपन्न बताते हैं लेकिन उन्हें नहीं मालूम की सुदामाजी अपनी विपन्नता दूर करने के लिए प्रभु श्री कृष्ण के द्वार पर नहीं गए। वे अपनी पत्नी के कहने पर अपने मित्र से मिलने गए। कृष्ण ने भी अपने दोस्त के पैरों को आंसुओं से धोया और उनकी विपन्नता दूर करते हुए यही संदेश दिया कि मित्र की मदद करो लेकिन उसे कभी उजागर मत होने दो।
शनिवार को स्वामी माधवप्रपन्नाचार्य महाराज ने उक्त विचार व्यक्त किए। आप सांवरिया श्रीनाथ मित्र मंडल द्वारा आयोजित श्रीमद भागवत कथा ज्ञान में रसिकों को कथा ज्ञान यज्ञ में रसिकों को कथा का रसपान करा रहे थे। उन्होंने कहा कि इस सांसारिक जीवन में हमसे अपराध हो जाता है, लेकिन हम उसका प्रायश्चित नहीं करते हैं। जबकि राजा परीक्षित से अंजाने में अपराध हुआ तो भी उन्होंने उसका प्रायश्चित किया, ऐसा ही हमें अपने जीवन में करना चाहिए। टीवी चैनल की कथा में संत सान्निध्य नहीं मिल पाता, जबकि संतों का जीवंत कृपा से ही हमारा जीवन संवारता है। इसलिए कथा श्रवण का कोई भी मौका नहीं छोडऩा चाहिए। स्वामी ने कहा कि दु:ख के बाद आने वाला सुख आनंददायक होता है। सुख के बाद यदि दु:ख की छाया आए तो वह कष्टदायक होती है। आपने कहा कि अंत काल में पछताने की नौबत न आए, इसलिए जीवन में सार्थक कार्य करते रहना चाहिए। बिना मांगे किसी को सलाह मत दो, यदि ऐसा किया तो मूर्ख ही कहलाओगे। आयोजन के प्रचार प्रमुख गोपालदास राठी अतवास ने बताया कि अंतिम दिन बड़ी संख्या में श्रेष्ठ संतप्रवर कथा में उपस्थित हुए। प्रारम्भ में व्यासपीठ का पूजन अशोक सोमानी, गोपाल राठी, श्रीगोपाल मानधन्या व गोपीकिशन काकानी ने किया।

वास्तविक जोड़े के साथ हुआ विवाह प्रसंग
कथा प्रसंग में रुक्मिणी विवाह का आयोजन धूमधाम से संपन्न हुआ। विवाह भागवत कथा के इतिहास में कदाचित यह पहला प्रसंग होगा जब कथा प्रसंग के दौरान संपन्न रुक्मिणी विवाह का मंचन वास्तविक जोड़े के साथ हुआ। प्रहलाददास लड्ढा, कमल लड्ढा परिवार पुत्र का विवाह तराना के प्रहलाददास राठी परिवार की लडक़ी से तय हुआ है। कथा प्रसंग में दोनों ही वर-वधु बनकर उपस्थित हुए। उपस्थित कथा रसिकों को जब यह मालूम हुआ पूरा पांडाल हर्षध्वनि से गूंज उठा। धूमधाम से बारात आई, वधु-पक्ष ने बारातियों का स्वागत किया। फिर विवाह का नेगचार संपन्न हुए। इस जोड़े का विवाह आगामी फऱवरी माह में तय हुआ है।