
Textile industry
Indore News.
उद्योगों के हिसाब से मप्र राज्य औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम में बड़े बदलाव कर दिए गए हैं। राज्य सरकार का कहना है कि इनसे निवेशकों को सीधे तौर पर लाभ होगा। नए प्रावधान में तय किया है कि उद्योग के लिए मिली जमीन की दस साल की लीज यदि कोई एकमुश्त जमा कराता है, तो उसे 20 साल तक कोई पैसा नहीं देना पड़ेगा।
इसी तरह उद्योगपतियों को यह छूट भी रहेगी कि वे पूरी जमीन के 3 फीसदी हिस्से, जो अधिकतम 5 एकड़ तक होगी पर अपने कर्मचारी व तकनीकी स्टाफ के लिए आवासीय बिल्डिंग बना सकेंगे। उद्योगों को यह राहत भी मिलेगी कि वे अपनी भूमि के सामने सडक़ से 20 फीट तक पौधारोपण कर सकेंगे। मैग्निफिसेंट एमपी से ठीक पहले बदले गए प्रावधानों की सरकार ब्रांडिंग भी करेगी, ताकि ज्यादा से ज्यादा निवेशकों को प्रदेश पर भरोसा बने। इसके अलावा लांड्री, स्टीम और नेचुरल गैस से जुड़ी इंडस्ट्री को भी भूमि का आवंटन किया जा सकेगा।
पीथमपुर में दो और सेक्टर
पीथमपुर के पास 8 हजार एकड़ जगह और ली जाएगी। पीथमपुर में सेक्टर 5 व 6 के निर्माण के लिए यह जमीन लेने की तैयारी है। यह जमीन लैंडपूल नीति के तहत ली जाएगी, जिसमें जमीन देने वालों को कुछ हिस्से में दूसरे निर्माण का अधिकार मिलेगा।
ये फायदे भी दिए
- सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने वालों की मदद 25 लाख से बढ़ाकर एक करोड़ की गई है।
- लेबोरेटरी स्थापित करने पर निवेश पर 25 फीसदी या अधिकतम 50 लाख रुपए तक की मदद।
- फार्मास्यूटिकल लाइसेंस लेने में अब दो साल तक का वक्त और बढ़ाया।
- एंटरटेनमेंट और सर्विस सेक्टर को निवेश पर 10 से 15 फीसदी या अधिकतम 5 करोड़ की मदद।
- यदि संचालक मंडल को बदले बिना कंपनी का नाम परिवर्तित होता है, तो इसके लिए अब सिर्फ 10 हजार रुपए देने होंगे। पहले जमीन के बाजार मूल्य की 10 फीसदी राशि लगती थी।
- इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइन एंड मैन्युफेक्चरिंग और सर्विस सेक्टर के लिए अलग से नीति बनाई जाएगी। इससे एंटरटेनमेंट के साथ मेडिकल डिवाइस और टेलीविजन ट्यूब की कंपनियों को लाभ होगा।
- इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल के उत्पादन के लिए भी पॉलिसी आएगी।
Published on:
14 Oct 2019 11:13 am
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