पूर्व में मेन्स में चुने गए अभ्यर्थियों में संशोधित नतीजों से आक्रोश, मुख्यालय पहुंचकर दर्ज कराया विरोध, पूर्व मंत्री ने भी खोला मोर्चा
इंदौर. मप्र लोक सेवा आयोग (एमपी पीएससी) ने लंबी कवायद के बाद प्रारंभिक परीक्षा का संशोधित रिजल्ट जारी किया है। इसे लेकर सबसे ज्यादा असंतोष पूर्व में मेन्स में भी चुने गए अभ्यर्थियों में है। दोबारा मेन्स की राह अब और मुश्किल हो जाएगी क्योंकि पिछले रिजल्ट की तुलना में प्री में 2400 अधिक अभ्यर्थी चुने गए हैं।
अभ्यर्थी फूलों का गुलदस्ता लेकर पहुंचे और विरोधस्वरूप मुख्य द्वार के सामने रखा- राज्य सेवा मुख्य परीक्षा 2019 में चयनित अभ्यर्थियों ने मंगलवार को पीएससी मुख्यालय पर विरोध दर्ज कराया। ये अभ्यर्थी फूलों का गुलदस्ता लेकर पहुंचे और विरोधस्वरूप मुख्य द्वार के सामने रखा। इनका कहना था हम मुख्य परीक्षा कर चुके हैं। हमें आश्वस्त किया था कि ऐसा रास्ता निकाला जाएगा जिससे किसी का अहित न हो। अब सभी के लिए दोबारा मुख्य परीक्षा का फरमान जारी कर दिया।
पीएससी अफसरों ने अभ्यर्थियों से चर्चा करने से इनकार कर दिया- अभ्यर्थियों ने पीएससी मुख्यालय के मैनगेट पर हार चढ़ाया और वहां मिठाई भी रखी। हालांकि, पीएससी अफसरों ने अभ्यर्थियों से चर्चा करने से इनकार कर दिया। उनका कहना था कि विरोध दर्ज कराने की जगह अब उन्हें जनवरी में होने वाली मुख्य परीक्षा की तैयारी में जुट जाना चाहिए।
इधर, पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने भी एक वीडियो ट्वीट कर पीएससी अभ्यर्थियों के पक्ष में मोर्चा खोल दिया है। पटवारी ने कहा, अगर सरकार दो सप्ताह के भीतर इंटरव्यू और नियुक्ति की प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ाती तो वे पीएससी मुख्यालय के सामने भूख हड़ताल पर बैठेंगे।
2413 अभ्यर्थी दौड़ में
दिसंबर 2020 को जो रिजल्ट जारी हुआ था उसमें 10767 अभ्यर्थी अगले चरण यानी मेन्स के लिए चुने गए। संशोधित रिजल्ट की मुख्य सूची में 8965 को जगह मिली है। प्रावधिक सूची में 4215 अभ्यर्थी मुख्य परीक्षा की दावेदारी के लिए चुने गए। मुख्य परीक्षा में दावेदार बढ़ने से भी पूर्व में मुख्य क्लियर करने वालों को कड़ी परीक्षा से गुजरना होगा।