
इंदौर. विधानसभा चुनाव में सशक्त उपस्थिति दर्ज कराने वाले जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस) लोकसभा चुनाव लडऩे पर मंथन कर रहा है। मालवा-निमाड़ की तीन सीटों पर प्रत्याशी उतारने की तैयारी थी, लेकिन संगठन आर्थिक संकट से जूझ रहा है। उसे मालूम है कि चुनाव बड़ा है और पैसे बहुत लगेंगे। कुछ सहयोगी मदद को तैयार हैं, जो पर्याप्त नहीं है। मालवा-निमाड़ में जयस ने 2018 के चुनाव में कांग्रेस की मदद की थी, जिससे कांग्रेस ने 22 में से 17 सीटें जीती थीं। पिछले विधानसभा चुनाव में जयस ने 18 सीटों पर प्रत्याशी खड़े किए, जिससे कांग्रेस को पांच सीटों का नुकसान हुआ और आंकड़ा 17 से 12 पर आ गया। अधिकांश सीटों पर कांग्रेस विधायकों की लीड भी कम हुई। यही वजह है कि भाजपा ने नागर ङ्क्षसह चौहान और निर्मला भूरिया को मंत्री बनाया। लोकसभा में भी प्रत्याशी उतारने के लिए जयस में मंथन चल रहा था, लेकिन संगठन का आर्थिक पक्ष बहुत कमजोर है। ऐेसी स्थिति में धार, रतलाम-झाबुआ और खरगोन-बड़वानी सीट पर चुनाव लडऩा भारी पड़ रहा है। तीनों लोकसभा में 24 विधानसभा हैं, जिनमें जनसंपर्क और प्रचार-प्रसार में बड़े स्तर पर संसाधन जुटाने होंगे। संगठन के कुछ नेताओं का मानना है कि मदद देने वाले इतने सक्षम नहीं हैं कि वे छह माह में दूसरी बार सहयोग दें। गांव-गांव प्रचार करने वाली गाड़ी से लेकर टीम का खर्च उठाना आसान नहीं होगा।
एक सिक्का और वोट
संगठन के कुछ नेताओं का मानना है कि जनता के सहयोग से चुनाव लड़ा जाए। वोट मांगने के साथ चुनाव लडऩे के लिए एक परिवार से एक सिक्का लिया जाए। इस फॉर्मूले पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजङ्क्षसह चौहान ने विदिशा का चुनाव लड़ा था। जयस प्रत्याशी इस पर विचार कर रहे हैं।
चुनाव लडऩे वाले तैयार
मैदानी में सक्रिय रहने वाले कई युवा चुनाव लडऩे को तैयार हैं। विधानसभा चुनाव में अच्छे वोट लाने वाले भी इसमें शामिल हैं। संगठन उनके नाम पर विचार कर रहा है। इसके अलावा भारत आदिवासी पार्टी भी संपर्क में है। रतलाम-झाबुआ में बालू गामड़ को पार्टी ने टिकट दिया है।
& प्रत्याशियों पर मंथन चल रहा है। चुनाव में प्रचार-के लिए संगठन के पास आर्थिक व्यवस्था नहीं है। जनसहयोग लेकर चुनाव लडऩे पर विचार कर रहे हैं। लोकेश मुजालदा, राष्ट्रीय अध्यक्ष, जयस
Published on:
10 Apr 2024 07:45 pm
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