
इंदौर ने स्वच्छता सर्वेक्षण का कोड ही क्रेक कर लिया केंद्र ने बदल दिए मापदंड
इंदौर. नगरीय आवास व विकास विभाग ने स्वच्छता के कोड और नियमों को समझाने के लिए नगरीय निकायों के लिए कार्यशाला आयोजित की। इसमें नगरीय निकाय व नगर पंचायतों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। इस मौके पर प्रमुख सचिव संजय दुबे ने कहा, इस बार स्वच्छता के मापदंडों में काफी बदलाव किया गया है। केंद्र सरकार ने सोचा, लगातार तीन बार इंदौर नंबर बनने से लग रहा है, उसने स्वच्छता सर्वेक्षण का नंबर क्रेक कर लिया। अब सभी शहरों को इन नए मापदंडों की कसौटी पर खरा उतरना होगा।
ब्रिलियंट कन्वेशन सेंटर में आयोजित कार्यशाला में इंदौर-उज्जैन संभाग के सभी नगरीय निकायों, नगर पंचायतों व पंचायतों के प्रतिनिधि मौजूद रहे। सभी को स्वच्छता सर्वेक्षण-२०२० के तय मानकों से अवगत कराया गया। प्रमुख सचिव दुबे ने कहा, स्वच्छता सर्वेक्षण में कई नए अवयव जोड़े गए हैं। पिछले प्रदर्शन पर आकलन नहीं होगा। जो भी प्रयास करना हैं, नए सिरे से करने की जरूरत है। गफलत में नहीं रहें। नियमों के अनुसार काम करें, आगे बढ़ें। अनिल प्रकाश ने कहा, महापौर और नगरीय निकाय इस सर्वेक्षण के लिए नेतृत्व प्रदान करें। मेरा शहर-स्वच्छ शहर का जज्बा हर रहने वालों के मन में होगा, तभी हमें कामयाबी मिलेगी।
नरहरि ने कहा, नगर निगम, नगर पालिकाओं, नगर पंचायतों के जिन जनप्रतिनिधियों ने कोई उल्लेखनीय काम नहीं किया उनके लिए बचे 6 माह का सुनहरा मौका है। कुछ कर लें जिससे भविष्य में संतुष्टि हो कि हमने भी कुछ किया है। दूसरे शहर भी स्वच्छता के मामले में इंदौर को टक्कर दें। इस प्रतियोगिता में आप जो भी काम कर रहे हैं उनका दस्तावेजीकरण बहुत जरूरी है। स्वच्छता सर्वेक्षण कार्य 31 जनवरी 2020 तक होगा। सभापति अजयसिंह नरूका, फौजिया शेख अलीम व अन्य मौजूद थे।
4 प्रमुख घटक होंगे
इस बार स्वच्छता सर्वेक्षण के चार प्रमुख घटक तय किए गए हैं- नागरिक प्रतिक्रिया, प्रत्यक्ष अवलोकन, प्रमाणीकरण और सेवाओं के प्रदाय पर अंक दिए जाएंगे। 5 महीने बेहद महत्वपूर्ण होंगे। निर्धारित 6 हजार अंकों में से अधिकतम हासिल करना हैं। नगरीय निकाय व्यवहार परिवर्तन पर फोकस करें। जनप्रतिनिधियों को लीडरशिप लेना होगी।
Updated on:
10 Aug 2019 12:05 pm
Published on:
10 Aug 2019 12:02 pm
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