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जीवन को नई ऊर्जा देता है ओम शांति का मंत्र, मेडिटेशन से मिलती है सफलता

. प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के प्रशासक सेवा प्रभाग द्वारा ज्ञान शिखर, ओमशांति भवन में रविवार को प्रशासनिक सम्मलेन का आयोजन किया गया। ओम प्रकाश भाईजी सभागार बड़ी संख्या में प्रशासक शामिल हुए। मुख्य अतिथि जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने कहा कि ओम शांति ऐसा मंत्र है जो जीवन को प्रेरणा, ऊर्जा, संकल्प और शक्ति देता है। यह शब्द हमारे विचारों को सकारात्मक दिशा में ले जाता है।

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इंदौर

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Lavin Owhal

May 07, 2023

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इंदौर. प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के प्रशासक सेवा प्रभाग द्वारा ज्ञान शिखर, ओमशांति भवन में रविवार को प्रशासनिक सम्मलेन का आयोजन किया गया। ओम प्रकाश भाईजी सभागार बड़ी संख्या में प्रशासक शामिल हुए। मुख्य अतिथि जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने कहा कि ओम शांति ऐसा मंत्र है जो जीवन को प्रेरणा, ऊर्जा, संकल्प और शक्ति देता है। यह शब्द हमारे विचारों को सकारात्मक दिशा में ले जाता है। उन्होंने ब्रह्माकुमारी संस्थान के प्रशासक सेवा प्रभाग की सराहना करते हुए कहा कि आपने इस सम्मलेन का आयोजन करके प्रशासनिक अधिकारियों को अध्यात्म से जोडऩे का अनूठा प्रयास किया है। अफसरों को तनाव से दूर करने का इससे बेहतर कोई दूसरा उपाय नहीं हो सकता। अधिकारी अगर तनाव मुक्त रहेंगे तो और अधिक नई ऊर्जा के साथ काम कर पाएंगे। ओम शांति के एक मंत्र में शांति के साथ-साथ सुकून, विश्वास, प्रेम, आस्था सबकुछ समाया हुआ है।
कर्मयोगी की तरह हो प्रशासक का जीवन - आशा दीदी
प्रशासक सेवा प्रभाग की राष्ट्रीय अध्यक्ष ब्रह्माकुमारी आशा दीदी ने कहा प्रशासक का जीवन कर्मयोगी की तरह होना चाहिए। कर्मयोगी अर्थात कर्म और योग दोनों का संतुलन। अधिकारी आध्यात्मिक रूप से इतना सशक्त हो जो हर परिस्थिति का सामना कर सके। प्रशासक को सहानुभूति पूर्वक निर्णय लेना चाहिए। अपने लिए थोड़ा समय निकाल कर राजयोग मेडिटेशन का अभ्यास करे, जिससे परख शक्ति और निर्णय शक्ति में वृद्धि होती है और तनाव मुक्त हो जाते हैं।
तनाव के माहौल में मन रखें शांत - सिंह
मप्र विधान सभा के प्रमुख सचिव अवधेश प्रताप सिंह ने अपने अनुभव सुनाते हुए कहा कि अध्यात्म से जुडऩे से जीवन में रचनात्मक परिवर्तन आता है। विषम परिस्थितियों में भी मन को शांत रखा जा सकता है। विधानसभा में तनाव के माहौल के बीच काम करने में राजयोग मेडिटेशन से उन्हें बहुत सहयोग मिलता है।
सफल प्रशासन के लिए स्थितप्रज्ञ होना जरूरी - रॉय
आईआईएम के निदेशक प्रो. हिमांशु रॉय ने कहा कि प्रशासक को हर कार्य का निष्पादन निष्पक्ष हो कर करना चाहिए। सफल प्रशासक बनने के लिए स्थित प्रज्ञ अवस्था बनानी होगी। यानी कार्य कि सफलता में मिलने वाली प्रशंसा व असफलता के समय होने वाली आलोचना में सामान रहे। सभी कार्यों को सेवा समझकर करें।
समाज के बीच रहकर काम करना वास्तविक खुशी - कलेक्टर
कलेक्टर डॉ. इलैया राजा ने कहा कि किसी के सोच को बदलना सबसे मुश्किल कार्य होता है किन्तु अध्यात्म की सहायता से सहज ही संभव हो जाता है। वास्तविक खुशी जीवन में तब मिलती है जब हम समाज के बीच रहकर काम करते हैं। प्रशासक सेवा प्रभाग के संयोजक हरीश भाई ने प्रशासक प्रभाग की सेवाओं से अवगत कराते हुए संस्था का परिचय भी दिया। क्षेत्रीय समन्वयक उषा दीदी ने आभार व्यक्त किया। क्षेत्रीय निदेशिका हेमलता दीदी ने सभी आमंत्रित अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि स्व प्रशासन ही उत्कृष्ट प्रशासन की नींव है।