इंदौर

धोखे को लोन एप पर शिकंजा, प्ले स्टोर से हटे कई एप

शिकायतों के आधार पर क्राइम ब्रांच ने भेजी थी 150 ऐप की सूची, लंबित है 500 शिकायतें

2 min read
Sep 22, 2022
धोखे को लोन एप पर शिकंजा, प्ले स्टोर से हटे कई एप

इंदौर. धोखाधड़ी व प्रताडऩा का जरिया बन रहे ऑनलाइन लोन ऐप पर अब शिकंजा कस रहा है। लोन ऐप के खिलाफ इस साल क्राइम ब्रांच के पास लोन ऐप को लेकर 500 शिकायतें आ चुकी है। धोखे के करीब 150 लोन ऐप को लेकर क्राइम ब्रांच ने सरकार को सूची भेजी थी। सरकार ने शिकंजा कसा तो प्ले स्टोर से इनमें से कुछ ऐप्लीकेशन को हटा दिया गया है।
क्राइम ब्रांच ने पिछले दिनों धोखाधड़ी की शिकायतों के आधार पर 150 लोन ऐप की जानकारी शासन को भेजी थी। इन ऐप्लीकेशन को लेकर लोगों को एडवाइजरी जारी की थी कि इन्हें कोई डाउनलोड न करें। देशभर में लगातार लोन ऐप को लेकर शिकायतें आ रही है। हाल ही में बाणगंगा में इंजीनियर, उसकी पत्नी व दो बच्चों की मौत के मामले में भी लोन ऐप की भूमिका सामने आई थी। गूगल ने सरकार के प्रस्तावों के आधार पर करीब 600 ऐप को प्ले स्टोर से हटा दिया है।

इन ऐप के नाम हुए गायब
क्राइम ब्रांच द्वारा भेजी गई सूची में शामिल कई ऐप भी इसमें शामिल है, इन्हें भी प्ले स्टोर से हटा दिया गया है। इसमें बीलियन लोन ऐप, मनी ट्री, कैश पार्क लोन, स्मॉल कैश, लोन ड्रीम, फ्लैश रुपी लोन, मंडे लोन ऐप, मोर कैश, कैश कैरी, फास्ट पैसा शामिल है।

आइटी एक्ट के तहत होती है कार्रवाई
अधिकारियों के मुताबिक, जिन ऐप के खिलाफ शिकायतें रहती है उसकी जानकारी मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रानिक्स एंड इनफोर्मेशन टेक्नोलॉजी को भेजी जाती है। मंत्रालय से आइटी एक्ट के तहत कार्रवाई की जाती है और इस आधार पर प्ले स्टोर से ऐप को हटाया जाता है।

ऐप इस तरह करते है परेशान
क्राइम ब्रांच के मुताबिक, ग्राहकों को तत्काल लोन देने के नाम पर पहले ऐप को डाउनलोड कराया जाता है। इससे पर्सनल कांटेक्ट सर्वर पर चले जाते है। मनमाना ब्याज नहीं देने पर ग्राहकों के परिजनों को अश्लील धमकी दी जाती है, ब्लैकमेल भी करते है। कई बार तो लोन की राशि अदा करने के बाद भी धमकाया जाता है। और राशि की मांग की जाती है।

यूएस, यूरोपियन देश व चीन में है कई ऐप्लीकेशन के सर्वर
पुलिस ने कई ऐप की जानकारी निकाली तो पता चला कि उनके सर्वर विदेश में है। यूएस, यूरोपी देश, चीन में सर्वर पर सारी जानकारी जाती है और दूसरे प्रदेशों में बैठे उनके एजेंट लोगों को परेशान करते है।

शिकायतों के आधार पर भेजी थी 150 ऐप की सूची
एडिशनल डीसीपी गुरुप्रसाद पाराशर के मुताबिक, क्राइम ब्रांच व साइबर हेल्पलाइन पर आई शिकायतों के आधार पर करीब 150 ऐप की सूची मुख्यालय को भेजी थी। शासन के प्रयास से शिकायतों के आधार पर ऐप को प्ले स्टोर से हटाया जाता है।

Published on:
22 Sept 2022 07:56 pm
Also Read
View All

अगली खबर