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पास होने की आस में एमबीबीएस छात्रों ने कान की सर्जरी कर फिट करवा लिया ब्लूटूथ… सब ठीक चल रहा था तभी अचानक

रीयल लाइफ के मुन्नाभाई : हाइटेक नकलचियों की परीक्षा रद्द, अगले दो साल के लिए भी डिबार

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पास होने की आस में एमबीबीएस छात्रों ने कान की सर्जरी कर फिट करवा लिया ब्लूटूथ... सब ठीक चल रहा था तभी अचानक

पास होने की आस में एमबीबीएस छात्रों ने कान की सर्जरी कर फिट करवा लिया ब्लूटूथ... सब ठीक चल रहा था तभी अचानक

इंदौर.
देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी की यूएफएम कमेटी ने जांच के बाद हाइटेक नकलचियों पर भी कार्रवाई कर दी है। कमेटी ने इस बार की परीक्षा के सभी पेपर रद्द करते हुए अगले दो साल तक परीक्षा देने पर भी रोक लगा दी है। छात्रों ने भी सफाई में ब्लूटूथ से नकल की बात स्वीकारी और माफी मांगते हुए आगे से ऐसी गलती नहीं दोहराने की बात कही थी।
मामला एमबीबीएस थर्ड प्रोफ की फरवरी में हुई परीक्षा का है। देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी ने इस परीक्षा के लिए शहर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज को केंद्र बनाया था। गोपनीय विभाग की डिप्टी रजिस्ट्रार रचना ठाकुर ने परीक्षा के दौरान केंद्र का दौरा करते हुए कुछ छात्रों की जांच कराई। एक छात्र की बनियान में मोबाइल निकला जो कि उसके कान में फिट किए ब्लूटूथ से कनेक्ट था जबकि दूसरे छात्र के कान में भी ब्लूटूथ फिट निकला। दोनों छात्रों के नकल प्रकरण बनाते हुए मामला यूएफएम कमेटी को सौंपा गया। परीक्षा के दौरान केंद्र पर सिर्फ एक ही महिला पर्यवेक्षक की ड्यूटी लगाई गई थी। इस पर भी यूनिवर्सिटी ने एमजीएम कॉलेज को नोटिस जारी किया। करीब तीन महीने बाद यूएफएम कमेटी ने दोनों छात्रों पर कार्रवाई करते हुए उनकी परीक्षा रद्द कर दी। नकल प्रकरण में हाइटेक उपकरणों का इस्तेमाल किए जाने के कारण उन्हें आगामी दो सत्र यानी कि २०२५ से पहले परीक्षा देने पर भी रोक लगा दी गई है। आमतौर पर नकल पकड़ाने पर एक सत्र की परीक्षा निरस्त की जाती है। नकल के लिए इस्तेमाल किए ब्लूटूथ इतने छोटे थे कि सामान्य तौर पर ये नजर भी नहीं आ सकते। दोनों छात्रों ने माइनर सर्जरी के जरिए इन्हें अपने कान में फिट कराया। डिप्टी रजिस्ट्रार ठाकुर ने बताया कि यूएफएम कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर ब्लूटूथ से नकल करने वालों की परीक्षा निरस्त कर दी गई है। वे अगले दो साल तक यूनिवर्सिटी की कोई परीक्षा भी नहीं दे सकेंगे।

दूसरी कॉपी ने ही खोल दी पोल
केस बनाने के बाद दोनों नकलची छात्रों की पहली कॉपी जब्त करते हुए दूसरी कॉपी दी गई थी। यूएफएम कमेटी ने इन दोनों कॉपियों का भी मिलान किया। केस बनने पर जब्त की गई कॉपी में सभी जवाब सटिक लिखे गए थे जबकि दूसरी कॉपी में नकलची छात्र सिर्फ सवाल ही लिख सकें। कमेटी के एक सदस्य के अनुसार जब्त की गई कॉपी में जवाब इतने सलीके से लिखे गए थे कि मानो किसी टॉपर ने लिखे हो।
नोटिस के जवाब में मानी गलती
कार्रवाई से पहले यूएफएम कमेटी ने दोनों नकलची छात्रों को नोटिस जारी किए। इसके जवाब में छात्रों ने सीधे तौर पर गलती स्वीकारी और लिखा कि ब्लूटूथ डिवाइस की मदद से परीक्षा देना बड़ी भूल थी और इसके लिए एक बार माफ कर दिया जाए। भविष्य में ऐसी कोई गलती नहीं की जाएगी। हालांकि, कमेटी ने तथ्यों के आधार पर कड़ी कार्रवाई की।