
सुभाष चौक पार्किंग में अब लगेगा मासिक शुल्क
इंदौर . शहर के सबसे व्यस्ततम और व्यावसायिक क्षेत्र राजबाड़ा के पास सुभाष चौक पार्किंग को स्मार्ट व हाईटेक कर दिया गया है। अब यहां पर वाहन खड़े करने पर रोज के साथ महीने के हिसाब से भी पैसा लिया जाएगा। पास बनाकर वाहन मालिक को दिया जाएगा, ताकि रोज वाहन रखने वालों को आसानी हो और सुविधा मिले। मासिक शुल्क तय करने का प्रस्ताव एमआईसी में भेजा गया है। इसमें चार व तीन पहिया वाहन के 2100, बाइक के 1050 और साइकिल के 420 रुपए तय किए हंै। एमआईसी की मंजूरी मिलने के बाद ही यह शुल्क लागू होगा।
विवादों में रहने वाली सुभाष चौक पार्किंग का संचालन निगम का मार्केट विभाग करता था। जिस ठेकेदार को पार्किंग का संचालन करने का ठेका दिया गया था, वह छह महीने भी पार्किंग नहीं चला पाया और भाग गया। आए दिन होने वाले विवादों और संचालन में आने वाली दिक्कतों के चलते ये पार्किंग स्मार्ट सिटी कंपनी को हैंडअवर कर दी गई। इसके बाद स्मार्ट सिटी कंपनी ने पार्किंग की काया पलट कर रख दी। इससे जहां शहर के आम लोगों और राजबाड़ा क्षेत्र के व्यापारियों को एक बड़ी सौगात मिली, वहीं निगम का राजस्व भी बढ़ गया। हर साल निगम को पार्किंग से एक करोड़ रुपए की अतिरिक्त आय होगी।
सुभाष चौक पार्किंग को स्मार्ट व हाईटेक कर दिया गया है। इसके चलते वाहनों पर लगे फास्ट टैग से जहां पैसा कट रहा है, वहीं ऑटोमेटिक बूम बैरियर खुल जाते हैं। उक्त पार्किंग में वर्तमान में लगभग 120 चार पहिया वाहन, 250 दो पहिया, तीन पहिया वाहन व 50 से अधिक साइकिल खड़ी की जा सकती हैं। इन वाहनों के खड़े होने पर अभी घंटे के हिसाब से पैसा लिया जाता है, जो निगम ने तय कर रखा है। पार्किंग में दोपहिया वाहन 10 रुपए, चार पहिया वाहन 30 रुपए, साइकिल 5 रुपए (चार घंटे के लिए) लगते हैं। चार घंटे से ऊपर होने पर घंटे के हिसाब से पैसे बढ़ते जाते हैं। अब यहां पर महीने के हिसाब से शुल्क लेने का प्रस्ताव बनाकर एमआईसी में मंजूरी के लिए भेजा है, ताकि जिस दिन एमआईसी की बैठक हो, उस दिन मंजूरी मिल जाए। हालांकि 17 नवंबर को एमआईसी की बैठक रखी गई थी, लेकिन भाजपा के वरिष्ठ नेता फूलचंद वर्मा का निधन होने पर स्थगित कर दी गई। अब जल्द ही बैठक होगी और उसमें शुल्क को लेकर चर्चा की जाएगी।
अभी चल रहा प्रयोग
पार्किंग में चार पहिया वाहन से आने वाले लोगों की राशि सीधे उनकी कार पर लगे फास्ट टैग से कट रही है, जो सीधे निगम के खाते में जाती है। पार्किंग को हाईटेक करने के लिए उक्त पूरे संसाधन जुटाने में निगम ने अपनी तरफ से कोई राशि खर्च नहीं की है। एक प्राइवेट कंपनी द्वारा यह पहला प्रोजेक्ट फ्री में उक्त पार्किंग में प्रायोगिक तौर पर लगाया गया है। इसके सफल होने के बाद शहर के अन्य बहुमंजिला पार्किंग में उक्त प्रोजेक्ट लगाएंगे।
अभी और बढ़ेगी सुविधाएं
राजस्व प्रभारी निरंजन सिंह चौहान का कहना है कि पार्किंग में प्रतिदिन के साथ मंथली शुल्क लेकर पास बनाए जाएंगे। शुल्क तय करने का प्रस्ताव मंजूरी के लिए एमआईसी की बैठक में रखने को लेकर भेजा है। पारदर्शिता के लिए पार्किंग पर हमारी कोशिश रहेगी कि पूरा पेमेंट डिजिटल रूप से लिया जाए, ताकि वह सीधे निगम के खाते में आए और कर्मचारी किसी तरह की गड़बड़ी नहीं कर सकें। इसके लिए यहां पर बार कोड भी लगाए जा रहे हैं।
Published on:
19 Nov 2022 11:20 am
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