फिर खड़ा हो गया रिटेल रेडीमेड कारोबार
इंदौर. कोरोना महामारी के बाद पिछले दो साल में गारमेंट्स garments उद्योग की नींव ही हिल गई थी। लेकिन, इस त्योहारी सीजन में नई रणनीति व नई ऊर्जा के साथ गारमेंट उद्योग फिर खड़ा हो गया है। इंदौर रिटेल गारमेंट्स एसोसिएशन अपने करीब 600 सदस्यों से रायशुमारी कर बड़े स्तर का दिवाली उत्सव पर व्यापार बढ़ाने की कोशिश कर रही है। अब रिटेल गारमेंट्स के व्यवसाय की सीधी लड़ाई ऑनलाइन online के व्यवसाय से हो गई है। इंदौर रिटेल गारमेंट्स ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से ऑनलाइन शॉपिंग के नुकसान और शहर का पैसा शहर विकास के स्लोगन के साथ मोर्चा बंदी शुरू की है । वहीं, व्यापारियों का त्योहारी प्लान ग्राहकों को फोन कर बुलाने का है। विशेष छूट भी दी जा रही है। ग्राहकों का सोशल मीडिया ग्रुप बना रहे हैं। उस पर भी मार्केट की अपडेट दी जा रही है।
उपहार योजना की तैयारी
इस बार लोकल फॉर वोकल के तहत इंदौर में उत्पादित गारमेंट्स फैशन को तरजीह देते हुए स्थानीय निर्माताओं के श्रेष्ठ कलेक्शन बड़े ऑफर के साथ लाने की प्लांनिग है। इंदौर के टॉप 100 निर्माताओं के किड्स मेंस वियर kids mens wear के साथ उपहार योजना की साझा रणनीति पर दिवाली को आकर्षित व्यवसाय केंद्र बनाने की जरूरत पर कार्य आरंभ किया है। एक बड़े लक्ष्य के साथ 2200 यूनिट पर 100 बड़ी यूनिट पर बड़ा फोकस रहा है और अपने ग्राहकों को अपने संस्थानों से जोड़ने की दिशा में गारमेंट्स एसोसिएशन प्लानिंग पर खरा उतरा है।
नई योजना के साथ मनेगी दिवाली
इंदौर रिटेल गारमेंट्स के अध्यक्ष अक्षय जैन के अनुसार त्योहार हों या मांगलिक उत्सव पर सामाजिक सरोकार हो या सार्वजनिक फीचर प्लेटफॉर्म, सभी अवसर पर गारमेंट्स की बात होती है। वर्तमान स्थिति में इंदौर के गारमेंट्स की खरीदी को शहर की पहचान बन गया है। इस बार नई योजना के साथ दिवाली मनेगी। 55 से 60 प्रतिशत कारोबार बढ़ेगा। धनतेरस से दिवाली तक 50 करोड़ से अधिक का व्यापार होगा। दिवाली के इस सीजन में लगातार पुराने ग्राहकों का अपने शहर के दुकानदारों का साथ त्योहारी खरीदी उत्सव से जुड़ना बड़ी सफलता है।
ऑनलाइन के खिलाफ मुहिम
रिटेल गारमेंट एसोसिएशन के उपाध्यक्ष राजेश जैन बताते हैं कि ऑनलाइन कंपनियों के छलावे से आम उपभोक्ता को सचेत करने के साथ नाममात्र मुनाफे की रणनीति अपनाई जा रही है। ऑनलाइन के खिलाफ हमने अपनी व्यावसायिक पहचान को बढ़ाने की मुहिम आरंभ कर दी है। इसमें बड़े पैमाने पर सफलता मिल रही है। हमने ग्राहकों को उनके स्वभाव-आर्थिक बजट के साथ चयन के बहुत से विकल्पों की सुविधा उपलब्ध कराई है।
5 हजार लोग उद्योग से जुड़े
कारोबारी सुनील गुप्ता बताते हैं कि दिवाली पर गारमेंट का बड़ा बाजार होता है। इस बार भी इससे उद्योग जगत की आस लगी हुई है और इसके लिए हम तैयारी कर रहे हैं। इंदौर में 2200 छोटी-बड़ी रेडीमेड फैक्ट्रियां हैं। अब बड़ी यूनिट पर ही हमारा फोकस है। इस उद्योग से करीब 5 हजार लोग जुड़े हैं। रेडीमेड गारमेंट व्यापार को सुधरने में समय लगेगा। उम्मीद की जा रही है कि दिवाली पर ही बाजार में बड़ा सुधार आ सकता है।