scriptवेंटिलेटर पर जिंदगी के लिए जूझ रही मां, नवजात को बचाने के लिए दूध भी पिला रही | Mother battling for life on ventilator feeding milk to save newborn | Patrika News

वेंटिलेटर पर जिंदगी के लिए जूझ रही मां, नवजात को बचाने के लिए दूध भी पिला रही

locationइंदौरPublished: Mar 08, 2021 09:06:48 am

Submitted by:

Hitendra Sharma

– दुबई से लौटी महिला की स्थिति गंभीर- मां और नवजात बच्चा दोनों वेंटिलेटर पर- कोरोना संक्रमण की चपेट में आई थी महिला

feeding milk to save new born
इंदौर. दुबई से घर लौटी गर्भवती महिला ने कभी सोचा भी नहीं था कि कोरोना संक्रमण के कारण उसे अपने बच्चे को समय से पहले जन्म देना पड़ेगा। इतना ही नहीं, मां खुद कोरोना से जूझते हुए न सिर्फ वेंटीलेटर पर जिंदगी के लिए संघर्ष कर रही है बल्कि अपने बच्चे की जिंदगी बचाने के लिए रोज उसे अपना दूध भी पिला रही है।
वेंटीलेटर से भी मां का फर्ज
उपचार कर रहे वरिष्ठ छाती रोग विशेषज्ञ डॉ. रवि डोसी ने बताया कि चूंकि महिला गर्भवती थी, इसलिए संक्रमणमुक्त करने के लिए मां को अधिक दवाएं नहीं दे पा रहे थे। ऐसे में महिला की बिगड़ती हालत को देखते हुए हमने प्री-मेच्योर डिलिवरी का निर्णय लिया ताकि इसके बाद पूरा उपचार दिया जा सके। महिला की सिजेरियन ऑपरेशन के जरिए डिलिवरी तो करवाई गई लेकिन बच्चे की हालत भी ठीक नहीं थी। ऑपरेशन के चार दिन बाद फिर से सिटी स्कैन पर पता चला कि महिला का संक्रमण बढ़कर 95 प्रतिशत तक पहुंच गया है। इस पर उसे बाइपेप मशीन के सहारे वेंटिलेटर पर रखा गया है। वहीं बच्चा भी फिलहाल गंभीर हालत में वेंटीलेटर पर है। इस बीच बच्चे को बचाने और उसे जल्द रिकवर करने के लिए महिला द्वारा आइसीयू से ही अपना दूध निकालकर बच्चे को दिया जा रहा है। ताकि बच्चे में जल्द से जल्द प्रतिरोधक क्षमता बने और वह कोरोना संक्रमण से बच सके।
दुबई से लौटते ही कोरोना संक्रमण
महिला दो सप्ताह पूर्व दुबई से साढ़े 7 घंटे की यात्रा कर इंदौर एयरपोर्ट पर पहुंची थी। यहां उसे लेने उसकी बुआ पहुंची और दोनों एयरपोर्ट से उज्जैन के तराना के लिए रवाना हो गए। महिला को 7 माह का गर्भ था। जब वह दुबई से अपनी जांच करवाकर निकली थी तब वह कोरोना टेस्ट में निगेटिव थी, लेकिन यहां आने के 5 दिन बाद ही महिला की तबीयत बिगडऩे लगी। जब इलाज के लिए महिला को अरबिंदो अस्पताल लाया गया तो वह कोरोना संक्रमित निकली और सिटी स्कैन करवाने के बाद फेफड़ों में 56 प्रतिशत तक संक्रमण निकला।
मन्नतों से घर में आई थी खुशियां
बताया जा रहा है कि महिला के घर में लंबे समय बाद मन्नतों से खुशियां आई थी। गर्भधारण के बाद वह दुबई से अपने माता-पिता के पास पहुंची थी ताकि यहां उनकी उचित देखभाल व सुरक्षित प्रसूति हो सके लेकिन यहां आते ही उसे कोरोना संक्रमण ने अपनी चपेट में ले लिया और जच्चा-बच्चा दोनों ही अस्पताल के आइसीयू में पहुंच गए।
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