
प्रतीकात्मक फोटो- नितिन गडकरी एक्स
MP News: मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर के शिप्रा से पीथमपुर तक बनने वाली 64 किलोमीटर लंबी पश्चिमी रिंग रोड के निर्माण कार्य में अब और देरी होगी। 26 गांवों से होकर गुजरने वाली रिंग रोड के मुआवजे की राशि बढ़ाई गई थी। राशि तो मंजूर हो गई थी, मगर बैंक अकाउंट और आईएफसी कोड का काम पूरा नहीं हो पाया।
बीते एक साल पहले दो एजेंसियों को रिंग रोड के निर्माण का जिम्मा सौंपा गया था, लेकिन किसानों के विरोध और जमीन अधिग्रहण की मुआवजा राशि में हो रही परेशानियों के कारण काम शुरु नहीं हुआ। पहले इस परियोजना में करीब 600 करोड़ रुपे का मुआवजा तय हुआ था। विरोध प्रदर्शन के चलते नई गाइडलाइन के अनुसार मुआवजा की राशि 1 हजार करोड़ रुपए हो गई। रिंग रोड निर्माण में आ रही जमीनों का सर्वे-कार्य 26 मई को पूरा कर लिया गया था। एनएचएआई के द्वारा 25 जून को राशि जारी कर दी गई थी, लेकिन 998 किसानों के अकाउंट नंबर न मिलने के कारण राशि अटक गई।
एनएचएआई के द्वारा 90 प्रतिशत किसानों को मुआवजा मिलने के बाद ही सड़क निर्माण शुरू किया जाएगा। अभी तक जिले में 30 प्रतिशत किसानों के अकाउंट नबंर ही प्राप्त हुए हैं। जिसके चलते अब बारिश के बाद ही काम शुरु हो पाएगा।
एनएचएआई के अनुसार इंदौर की तीन तहसीलों के 26 गांव को 795 करोड़ और धार जिले के पीथमपुर को 200 करोड़ रुपए के करीब मुआवजा प्राप्त हुआ है। इंदौर के सांवेर तहसील के 9 गांवों के 512 किसानों में 473 करोड़ रुपए बांटे जाएंगे। देपालपुर के 5 गांवों के किसानों को 140 करोड़ और हातोद तहसील के 12 गांवों के 333 किसानों को 182 करोड़ रुपए का भुगतान होना है।
Published on:
07 Jul 2025 05:25 pm
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