
इंदौर. एमपीपीएससी 2018 की परीक्षा में हुई गड़बडिय़ों की वजह से हाईकोर्ट ने परिणामों की घोषणा पर रोक लगा थी। गौरतलब है कि परीक्षा परिणामों के विरोध में छात्र लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी बीच यह निणर्य आया। इंदौर के छात्रों को अब राहत की सांस मिली है। वे भी विरोध कर रहे थे। असल में हाई कोर्ट ने ये माना कि तीन छात्रों की वजह से २ लाख ३४ हजार छात्रों के भव्ष्यि के साथ खिलवाड़ नहीं किया जा सकता है।
परीक्षा में लगातार कई गड़बडिय़ां में मॉडल आंसर शीट में गड़बड़ी के चलते तीन छात्रों ने दायर की थी याचिका। जिसके बाद हाईकोर्ट ने परिणामों को रोकने का फैसला लिया था पर आज हाईकोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए रिजल्ट घोषित करने को कहा। अगली तारिख १९ अप्रैल की सुनवाई के बाद रिजल्ट घोषित करने को लेकर सुनवाई की जाएगी।
इंदौर में हुआ था विरोध
मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (एमपी पीएससी) द्वारा आयोजित राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2018 को निरस्त करने और मुख्य परीक्षा-इंटरव्यू के दौरान सौ फीसदी पारदर्शिता की मांग को लेकर बड़ी संख्या में छात्र धरने पर बैठे थे। कुछ दिन पहले ही छात्रों ने नौलखा से भंवरकुंआ तक रैली भी निकाली थी। रैली में शामिल छात्रों ने प्रदेश सरकार से पीएससी परीक्षा पर ध्यान देने की मांग की थी।
इंदौर में अनिश्चितकालीन धरने पर छात्र बैठे थे। इस दौरान अभ्यर्थियों के हाथों में तख्तियां भी थीं, जिन पर हमें इंसाफ चाहिए और मुख्यमंत्री एमपी पीएससी पर ध्यान दें जैसे नारे लिखे हुए थे। अभ्यर्थियों ने दावा किया है कि उनका धरना तब तक जारी रहेगा, जब तक उन्हें न्याय नहीं मिल जाता।
इन मांगों के साथ शुरू हुआ था धरना
- प्रारंभिक परीक्षा के सारे प्रश्न सही हो, एक भी प्रश्न खारिज न किया जाए।
- आयोग पहली बार में ही 100 फीसदी सही आंसर जारी करे। आपत्ति का शुल्क न लिया जाए और अगर जवाब बदला जाए तो प्रमाण के साथ बताया जाए।
- प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा की उत्तर पुस्तिका की फोटो कॉपी प्राप्त करने की सुविधा दी जाए।
- पदों में बढ़ोतरी प्रारंभिक परीक्षा के पहले हो, बाद में न की जाए।
- प्रारंभिक परीक्षा में माइनस मार्किंग की जाए। ताकि वही अभ्यर्थी पास हो सके, जिन्हें संबंधित सवालों के सही जवाब का ज्ञान हैं।
Updated on:
06 Apr 2018 04:46 pm
Published on:
06 Apr 2018 04:24 pm
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