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MPPSC: राज्य सेवा परीक्षा-2020 का परिणाम घोषित, यहां देखें लिस्ट

ओबीसी आरक्षण पर लंबित निर्णय के कारण हिस्सों में जारी किया रिजल्ट...।

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इंदौर

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Manish Geete

Feb 06, 2023

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mppsc declared state service exam

इंदौर। मप्र लोकसेवा आयोग (एमपीपीएससी) ने राज्य सेवा मुख्य परीक्षा 2020 का रिजल्ट रविवार रात जारी कर दिया। अप्रेल 2022 में मुख्य परीक्षा हुई थी। ओबीसी आरक्षण पर न्यायालय से अंतिम निर्णय नहीं आने के चलते पीएससी ने तीन भागों में नतीजे जारी किए। नतीजे जारी करने से पहले विधिक राय ली गई। रिजल्ट में 87 और 13 का फार्मूला अपनाया गया है।

तकनीकी समस्या के चलते करीब 10 माह बाद भी पीएससी रिजल्ट घोषित नहीं कर पा रहा था। दरअसल, पीएससी ने प्रारंभिक परीक्षा का रिजल्ट घोषित किया था, तब 87-13 का फार्मूला नहीं अपनाया था। अब 87 प्रतिशत पदों के विरुद्ध मुख्य रिजल्ट जबकि 13-13 प्रतिशत पदों के विरुद्ध दो प्रावधिक नतीजे घोषित किए हैं। पीएससी ने मुख्य सूची में कुल 698 अभ्यर्थियों को शामिल करते हुए अगले दौर के लिए चयनित किया है। इसी तरह 13-13 प्रतिशत की दो प्रावधिक चयन सूचियों में 265 अभ्यर्थियों को शामिल किया गया है। इसमें से अनारक्षित वर्ग की प्रावधिक सूची में 139 और ओबीसी की प्रावधिक सूची में 126 अभ्यर्थियों को लिया गया है।

यहां देखें अधिकृत वेबसाइट

https://mppsc.mp.gov.in/Results

इंटरव्यू में तीन गुना उम्मीदवार

मुख्य परीक्षा के जरिए कुल रिक्त पदों के मुकाबले पीएससी तीन गुना उम्मीदवारों को इंटरव्यू के लिए चयनित करता है। मुख्य सूची और दोनों प्रावधिक सूची में तय पदों के मुकाबले तीन-तीन गुना उम्मीदवारों को रखा गया है। इंटरव्यू की तारीख घोषित नहीं हुई है।

बीच का रास्ता अपनाया

पीएससी ने 260 पदों के लिए राज्य सेवा परीक्षा 2020 घोषित की थी। प्रदेश में लागू ओबीसी के 27 प्रतिशत आरक्षण के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका पर निर्णय नहीं आने से प्रक्रिया लंबे समय से अटक रही थी। सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र के बाद पीएससी ने बीच का रास्ता निकालते हुए रिजल्ट को तीन हिस्सों में बांटने का फार्मूला लागू किया। 87 प्रतिशत पदों के लिए मुख्य चयन सूची घोषित की गई है। मुख्य चयन सूची में 14 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण लागू किया जाता है। शेष 13-13 प्रतिशत पदों के मुकाबले दो प्रावधिक चयन सूचियां बनाई जाती हैं। इनमें एक सूची अनारक्षित वर्ग की उम्मीदवारों की और दूसरी ओबीसी वर्ग की होती है।

पीएससी का तर्क

पीएससी का तर्क है कि यदि कोर्ट का अंतिम निर्णय ओबीसी 27 प्रतिशत आरक्षण के पक्ष में होता है तो वह 13 प्रतिशत ओबीसी की चयन सूची के उम्मीदवारों को चयनित घोषित कर देगा। यदि कोर्ट ने सिर्फ 14 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण को वैध करार दिया तो अनारक्षित की प्रावधिक सूची के उम्मीदवारों को अंदर कर लिया जाएगा। हालांकि इस फार्मूले से आए रिजल्ट पर भी विवाद जारी है, क्योंकि अनारक्षित श्रेणी में सभी वर्गों के बजाय सिर्फ सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों के नाम ही शामिल किए गए हैं।