संदिग्ध ट्रांजेक्शन पर रहेगी निगरानी, नोट बदलने वालों का रिकॉर्ड रखेगी बैंक
इंदौर. 8 नवंबर 2016 को हुई नोटबंदी के बाद जारी 2 हजार के नोट बंद होने जा रहे हैं। ये नोट सिर्फ 30 सितंबर तक ही सर्कुलेशन में रहेंगे। इस घोषणा से कई परिवार चिंतित हैं तो कारोबारियों की मिली-जुली प्रतिक्रिया मिल रही है। मध्यमवर्गीय परिवारों में से ज्यादातर ने बचत के रूप में ऐसे नोट अलमारी या गुल्लक में रखे होते हैं। नोटबंदी के दौर की तरह आप फिर से गुल्लक फोड़कर जांच लें कि दो हजार के नोट तो नहीं रखे हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को 2 हजार के नोट चलन से बाहर करने घोषणा की है। ऐसे नोट को बदलने का समय दिया जा रहा है। कोई भी व्यक्ति एक बार में 10 नोट यानी 20 हजार रुपए बैंक में जमा कर सकता है या इनके बदले छोटे नोट ले सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, 2 हजार के नोट जमा कराने वालों का बैंक रिकॉर्ड रखेगा। ज्यादा जमा कराने वालों से आयकर विभाग आय का स्रोत भी पूछ सकता है। हालांकि, बाजार में लंबे समय से दो हजार के नोट कम ही प्रचलन में हैं। एटीएम से भी अधिकतम ट्रांजेक्शन में 500 रुपए के ही नोट जारी हो रहे हैं।
बड़े लेन-देन पर असर
किराना कारोबारी संजय नीमा ने बताया, सरकार के फैसले का स्वागत है। 30 सितंबर तक नोट बदलने का समय पर्याप्त है। हालांकि, 2 हजार के नोट बंद होने से थोड़ी मुश्किल आएगी। खेरची व्यापार करने वालों को बड़े नोट संभालने में सहूलियत होती है। बड़े व्यापारियों के सौदे पर भी इसका असर पड़ेगा।
कम होगा जोखिम
फल व्यापारी केसरीभाई का कहना है कि फल के खेरची कारोबार में नकद भुगतान की आवश्यकता होती है। भुगतान में 2 हजार का नोट सुविधाजनक तो रहता है, लेकिन छोटे व्यापारियों को इसे संभालने की चिंता रहती है। ये नोट बंद होंगे तो 500-500 के नोटों से खेरची व्यापार आसान होगा।
नोट बदलने का मौका देना अच्छा फैसला
अनाज कारोबारी देवेंद्र पाटौदी का कहना है, लंबे समय से अघोषित रूप से 2 हजार रुपए के नोट बंद हो चुके हैं। कभी-कभार ही ये नोट लेन-देन में इस्तेमाल होते थे। इस बार सरकार ने इन्हें बदलने का पर्याप्त समय दिया है। अनाज कारोबार के लिए ये अच्छा निर्णय है।
@ एक्सपर्ट कमेंट
कीर्ति जोशी, चार्टर्ड अकाउंटेट
बैंक में नोट बदलने का मौका देते हुए अधिकतम सीमा भी निर्धारित की गई है। सभी बैंकों को उन लोगों का रिकॉर्ड भी रखना है जो 30 सितंबर तक नोट बदलवाएंगे। हर संदिग्ध ट्रांजेक्शन की निगरानी की जाएगी। आयकर विभाग इन्हें नोटिस भी जारी कर सकता है।