परिषद सदस्यों की मानें तो सिंधु सभ्यता पांच हजार साल पुरानी संस्कृति है। पीठ की स्थापना होने से मप्र सहित अन्य राज्यों के विद्यार्थियों को शोध कार्य में लाभ मिलेगा। इससे आज के युवा सिंधु सभ्यता, भाषा, संस्कृति, साहित्य, समाज व इतिहास से संबंधित विषयों पर शोध कर सकेंगे। हिंदी, अंग्रेजी या सिंधी लिपि में सिंधु पर छात्र शोध कर सकेंगे। अन्य भाषाओं के छात्र भी शोध कर सकेंगे।