
कॉलेज स्टूडेंट्स के लिए बहुत ही खास खबर: अब रिजल्ट में ऑनलाइन कोर्स के क्रेडिट भी जुड़ेंगे
इंदौर.
देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी के ऐसे विद्यार्थी जो मूक्स (मैसिव ओपन ऑनलाइन कोर्स) के जरिए भी ऑनलाइन कोर्स कर रहे हैं उन्हें अब रिजल्ट में भी इसके क्रेडिट मिलेंगे। पहली बार यूनिवर्सिटी प्रबंधन आधा दर्जन कोर्स में यह व्यवस्था लागू करने जा रहा है। हालांकि, इन कोर्स की परीक्षा कराने की जिम्मेदारी एनटीए (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) के पास रहेगी।
ऑनलाइन क्लासेस के क्रेज को देखते हुए सत्र 2017-18 मूक्स शुरू किए हैं। इनमें किसी भी शहर के विद्यार्थी अपने ही शहर से कोर्स कर सकते हैं और ये कोर्स जिस यूनिवर्सिटी के हैं वह कोर्स करने वालों को सर्टिफिकेट जारी करती है। पांच साल बाद अब नई शिक्षा नीति में भी इन कोर्स का समावेश किया जा रहा है। डीएवीवी से इस सत्र से 6 कोर्स (माइक्रो इकोनॉमिक्स, पर्यावरण अध्ययन, बेसिक फोटोग्राफी, एडवर्टाइजिंग, फाइनेंशियल अकाउंटिंग और बेसिक कम्प्यूटर) के कोर्स मूक्स के जरिए होंगे। यूनिवर्सिटी हर विषय के 48-48 वीडियो तैयार करेगी। सभी कोर्स के हर विषय के लिए 4-4 क्रेडिट पॉइंट निर्धारित किए गए हैं।
डीएवीवी के मूक्स प्रभारी डॉ. चंदन गुप्ता ने बताया, एनटीए अब से साल में दो बार मूक्स कोर्सेस की परीक्षा कराएगी। इसमें मिलने वाले क्रेडिट रिजल्ट में जोड़े जाएंगे।
पीएचडी की 1200 सीट पर असमंजस बरकरार
देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी से पीएचडी करने के लिए डीईटी क्लीयर कर चुके विद्यार्थियों का कोर्स वर्क अब भी शुरू नहीं हो सका है। यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने बीते सप्ताह से आरएसी (रिसर्च एडवाइजरी कमेटी) की बैठकें रखी थीं जिसे चुनाव का हवाला देते हुए स्थगित कर दिया गया। डेट आगे बढ़ाने की वजह अब सामने आई है। दरअसल, यूनिवर्सिटी ने जिन नियमों के तहत पीएचडी कराने की तैयारी की थी वे नियम दो साल पहले ही यूजीसी ने खत्म कर दिए हैं। डॉक्टरल इंट्रेंस टेस्ट पास करने वालों के पास अलग-अलग विषयों की करीब 1200 सीट पर पीएचडी करने का मौका है। ज्यादातर उम्मीदवार गाइड की कंसेंट हासिल कर चुके हैं। अब उन्हें आरएसी की बैठक का इंतजार है। पिछले सप्ताह आधा दर्जन विषयों की आरएसी होना थी मगर इसकी तारीख आगे बढ़ा दी गई। जानकारी के अनुसार नए नियमों में कोर्स वर्क करने के लिए आरएसी के अंकों को 30 फीसदी और डीईटी के अंकों को 70 फीसदी वेटेज दिया जाएगा। यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने अब तक इस नियम को अध्यादेश में ही शामिल नहीं किया है। आरएसी से पहले कुछ सीनियर प्रोफेसरों ने ही इसकी याद दिलाई तो आनन-फानन में सभी आरएसी स्थगित कर दी गई।
Published on:
03 Jul 2022 07:35 pm
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